नई दिल्ली। देशद्रोह मामले में आरोपी उमर खालिद और अनिर्बान की जमानत याचिका पर बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने आरोपी छात्रों के वकील और दिल्ली पुलिस के वकील की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट अब 18 मार्च को अपना फैसला सुनाएगी। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील ने दोनों छात्रों की जमानत का विरोध किया।
इन्होंने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि जांच एजेंसियों को अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, साथ ही कन्हैया को जमानत मिल चुकी है, लिहाजा उन्हें ज़मानत दी जाए।
वहीं जेएनयू के उच्च स्तरीय जांच पैनल ने देशद्रोह मामले में अभी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद दो छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को वैमनस्यता, जातिगत या क्षेत्रीय भावनाएं भड़काने या छात्रों के बीच कटुता फैलाने का दोषी पाया है। उप महानिरीक्षक(कारागार) तिहाड़ जेल के जरिए अनिर्बान और उमर को भेजे गए कारण बताओ नोटिस में विश्वविद्यालय ने उन्हें चार आरोपों के तहत दोषी माना है।
गौरतलब हो कि 9 फरवरी को जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान देश विरोधी नारेबाजी की गई थी, जिसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान समेत कुछ और स्टूडेंट्स पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया था। उमर और अनिर्बान जेल में हैं और कन्हैया अंतरिम जमानत पर है।
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