पहले ड्रोन को रात 1 बजे के आसपास रत्नुचक इलाके में देखा गया। इसके बाद करीब 3.09 बजे कुंजवानी में और फिर सुबह 4.19 बजे के आसपास कुंजवानी इलाके में देखा गया। हालांकि ड्रोन थोड़े ही देर के बाद गायब हो गया।
इससे पहले शनिवार देर रात को वायुसेना स्टेशन के बाहर हुए ड्रोन हमले के बाद रविवार देर रात और सोमवार अलसुबह को भी कालूचक इलाके में ड्रोन को ऊंचाई पर उड़ते हुए देखा गया था। लगातार तीसरे दिन ड्रोन को देखे जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना हो गई है।
सुरक्षा एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही है कि सोमवार को तीन अलग अलग जगहों पर दिखे ड्रोन एक ही थे या अलग अलग थे। NIA को सौंपी जांच
ड्रोन हमले के 48 घंटे बाद भी कोई खास सुराग नहीं मिल पाने के बाद अब गृहमंत्रायल ने हमले की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंप दिया है। बता दें कि वायुसेना इस हमले की जांच कर रही है। इसके अलावा एफएसएल की टीम को भी जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
मामले में जांच कर रही एनएसजी के विशेष बम निरोधक दस्ते की ओर से अब तक आरडीएक्स और टीएनटी विस्फोटक पदार्थ इस्तेमाल किए जाने की बात सामने आई है। यही नहीं हमले के तार पाकिस्तान से भी जुड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि ड्रोन को सीमा पार पाकिस्तान से कंट्रोल किया जा रहा था। हालांकि, एजेंसी लोकल हेंडलर के शामिल होने की बात को फोकस में रखकर भी जांच कर रही है।
आतंकियों की ओर से हमले में ड्रोन का इस्तेमाल किए जाने के बाद पुलिस ने प्रदेश के विभिन्न संस्थानों और लोगों के पास उपलब्ध ड्रोन का ब्यौरा जमा करने और उन्हें कब्जे में लेना शुरू कर दिया है।
वही लोग अपने पास ड्रोन रख सकेंगे, जिन्होंने नियमों के अनुरूप इसे खरीदा होगा और नागरिक उड्डयन निदेशालय या संबंधित प्रशासन से इसके इस्तेमाल का लाइसेंस प्राप्त किया होगा।