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जेल की जिंदगी में तकलीफ, लेकिन टेंशन नहीं: सुब्रत रॉय

2 साल से तिहाड़ में बंद सहारा ग्रुप के ऑनर सुब्रत रॉय की किताब लाइफ मंत्राज सोमवार को हुई रिलीज

Feb 02, 2016 / 09:51 am

Abhishek Tiwari

Subrata roy-6

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नई दिल्ली। इन्वेस्टर्स से करोड़ों की धोखाधड़ी मामले में करीब 2 साल से तिहाड़ में बंद सहारा ग्रुप के ऑनर सुब्रत रॉय की किताब सोमवार को रिलीज हुई। रॉय ने लिखा है कि जेल की जिंदगी में काफी तकलीफ और अकेलापन है। लेकिन भगवान की दया से मैं टेंशन फ्री जिंदगी जी पा रहा हूं। रॉय की किताब का नाम लाइफ मंत्राज है। ये किताब उन्होंने जेल में ही लिखी है। ये उनकी तीन किताबों की सीरीज थॉट्स फ्रॉम तिहाड़ का पहला हिस्सा है।

सहारा के 39वे फाउंडेशन डे के मौके पर सोमवार को किताब लाइफ मंत्राज को रिलीज किया गया। इस किताब में रॉय लिखते हैं कि जेल की कोठरी में जितनी फैसिलिटी मिली हैं वो किसी शॉक लगने से कम नहीं है। मुझे अक्सर ताज्जुब होता है कि आखिर मैंने ऐसा क्या गलत किया। जेल में किसी अन्य कैदी की तरह मैंने भी यही सोचा कि मेरे साथ ही गलत क्यों हुआ? इस तरह की बातें लगातार दिमाग में आती हैं। जेल में दुनिया से कटा आदमी की हालत इस तरह हो जाती है कि वह अपने बाल खींचने लगे या तो पागल हो जाए।

पैसे से परे जा कर मिलती है असली खुशी


रॉय ने कहा कि सिर्फ वक्त ही है जो जख्मों पर मरहम का काम करता है। कुछ लोग कहते हैं कि वे खुशनुमा जिंदगी तभी जी सकते हैं उनके पास ढेर सारा पैसा और फैसिलिटीज हों। लेकिन आदमी को खुशी इन सबसे परे जाकर ही मिलती है। यदि किसी को इस पर यकीन न हो तो वो मुझसे मिल सकता है। मैं उसे प्रैक्टिकली प्रूव कर दूंगा। रॉय ने कहा कि क्या आप जानते हैं कोई क्यों पागल हो जाता है? क्योंकि वह अपने अंदर की पर्सनैलिटी के लिए खुराक लेना बंद कर देता है। न तो वह अपने कामों में बदलाव करता और न ही अपने इमोशन को किसी से शेयर करता है। रॉय यह भी कहते हैं कि किताब उन्होंने टेंशन के दौरान लिखी है लेकिन यह उनकी ऑटोबायोग्राफी नहीं है।

सेबी की याचिका पर आज स्ष्ट में होगी सुनवाई


सहारा समूह के खिलाफ मार्केट रेग्युलेटर सेबी की (रीपेमेंट ऑफ मनी) याचिका सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट में सेबी की याचिका की सुनवाई मंगलवार को होनी है। सेबी की ओर से वकील अरविंद दातार के मुताबिक पिछले तीन महीने से निवेशकों का पैसा लौटाने को लेकर कोई डेवलपमेंट नहीं हुआ है। इस मामले को लेकर हम कोर्ट से अंतरिम ऑर्डर चाहते हैं।

क्या है मामला?

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह से निवेशकों का 36,000 करोड़ रुपए नहीं लौटाने को लेकर जवाब मांगा था। हालांकि, सहारा ग्रुप ने कहा था कि सुब्रत रॉय की जेल से रिहाई के लिए 5,000 करोड़ रुपए उधार देने की पेशकश की थी। सेबी चाहता है कि सुप्रीम कोर्ट एक शख्स को अप्वाइंट करे जो सहारा मामले पर नजर रखे। सेबी का मानना है कि सहारा समूह की दो कंपनियां निवेशकों का पैसा लौटाने की स्थिति में नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने रॉय की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट 5,000 रुपए कैश और इतना ही रकम की बैंक गारंटी देने को कहा हैं। इसके साथ निवेशकों का 36,000 करोड़ रुपए इंटरेस्ट सहित लौटाने को कहा था। बता दें सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय मार्च 2014 से निवेशकों का पैसा नहीं लौटाने को लेकर जेल में है।

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