इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में आग वैज्ञानिक सुरक्षित दमकल की गाड़ियों के साथ कई एम्बुलेंस भी मौके पर पहुंची, हालांकि घटना में किसी भी प्रकार का कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। बिल्डिंग में मौजूद करीब 40 वैज्ञानिक सुरक्षित थे, हालांकि एक सीआईएसएफ का जवान को थोड़ी चोट आई।
घटना में बड़ी साजिश की बू जानकारी है कि आग लगने की घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं। अभी तक बताया जा रहा था कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी लेकिन इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हो पायी इसलिए दोबारा से जांच के आदेश जारी किए गए हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि घटना एक बड़ी साजिश के तहत हुई थी।
एस्ट्रोसैट ने किया जेलीफिश आकाशगंगा का अध्ययन फोरेंसिक टीम का गठन स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (सैक) की ओर से कहा गया है कि मामले की गहराई से जांच करवाना जरूरी है क्योंकि ये प्रॉटोकॉल के अन्तर्गत आ जाता है। इसके लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम गठित की गई है जो मामले की जांच में जुट गई है।
बता दें कि इस हादसे में सेंटर में मौजूद जिस ‘एंटीना जांच लैब’ को नुकसान पहुंचा है वो बहुत ही हाइ-टेक और महंगा सिस्टम है। इसे संचार के लिए प्रयोग किया जाता है और ये सुरक्षा के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण है।
2004 में हुआ था ऐसा ही हादसा गौरतलब है कि इसरो में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए कई सुविधाएं हैं। ऐसे मामले भी कम ही देखने को मिलते है। इससे पहले 2004 में एक ऐसा मामला सामने आया था, जिसमें 6 लोगों की जान गई थी। ये दर्दनाक हादसा श्रीहरिकोटा में हुआ था।