गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में ये जानकारी साझा की है। इसमें लिखा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 2 दिसंबर को अपने आदेश में सीसीटीवी लगाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ भारत सरकार को सभी पुलिस स्टेशनों और केंद्रीय जांच एजेंसियों के कार्यालयों में कैमरे लगाने को लेकर विस्तृत निर्देश दिए थे।
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उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने इस साल 6 अप्रैल को हुई अपनी पिछली सुनवाई में आदेश की तारीख से एक महीने के भीतर केंद्रीय एजेंसियों को बजट आवंटित करने और बजट आवंटन की तिथि से छह महीने की अवधि के भीतर पूरे आदेश को लागू करने के निर्देश दिए थे। राय ने आगे कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों ने इस साल 13 अप्रैल को शीर्ष अदालत द्वारा दी गई समय सीमा के भीतर बजट आवंटन और अपने कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का अनुरोध किया था।
पुलिस व्यवस्था राज्य का विषय
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आगे बताया कि चूंकि पुलिस राज्य का विषय है, इसलिए केंद्र सरकार ने किस राज्य के कितने पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं, इसकी जानकारी नहीं रखी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस साल 8 जुलाई को राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सरकारों को सभी पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए एक सलाह जारी की गई है।
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“हालांकि ‘पुलिस’ और ‘लोक व्यवस्था’ भारत के संविधान की 7वीं अनुसूची के तहत राज्य के विषय हैं, राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय सहायता ‘पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए राज्यों को सहायता’ की योजना के तहत प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत राज्यों को उनकी रणनीतिक प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के अनुसार राज्य कार्य योजना (एसएपी) तैयार करने की छूट दी गई है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे वर्ष 2021-22 के अपने प्रस्तावों में प्रत्येक पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरे लगाने की आवश्यकता को शामिल करें।