नई दिल्ली। जुगाड़ हम इंडियंस के खून में है। अगर हम इंडियंस जुगाडू न हो तो सारे काम यू हीं रूक जाएं क्योंकि हम सभी जानते हैं जहां काम सीधे तरीके से नहीं होगा, वहां जुगाड़ चलेगा। हमारी आदत में बस गया है जुगाड़। अपना काम निपटाने के लिए कोई न कोई जुगाड़ निकाल ही लेते हैं, चाहे लोग उस पर हंस-हंस कर लोटपोट क्यों ना हो जाएं। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि यही जुगाड़ अगर सही दिशा में इस्तेमाल किए जाएं, तो भारत दुनिया का सबसे अमीर देश बन सकता है। ऐसे ही कई जुगाड़ हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं, जो हमें सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते समय मिले। देखने में हमें बढ़िया लगे इसलिए हम शेयर कर रहे हैं। न पसंद आएं तो अगली स्टोरी पढ़ लेना। लेकिन पत्रिका को आपके पास से हम जाने नहीं देंगे।
अब जैसे यह देखिए। ऐसा जुगाड़ आपको किसी और देश में मिलेगा क्या? अब आप बताइए आपके घर में क्या वॉशबेसिन में भी गर्म पानी की सुविधा है..? वो सर्दियां भी आ गई हैं ना इसलिए। अब देखो कि आप जितनी बार बाथरूम जाएंगे उतनी ही पार ठंडे पानी से सामना करना होगा। ऐसे में अगर सर्दी लग गई तो… इसके अलावा हमारे घर में बर्तन मांजने का काम करने वाली मां-बहनों के बारे में ही सोच लीजिए, जो सर्दभरी रातों में मजबूरी में ठंडे पानी से आपके झूठे बर्तन धोती हैं। अब ऐसा जुगाड़ करने के लिए आपको एक चूल्हे और तांबे की नली और पानी की खराब पाइप से यह सब करना होगा।
अब मानिए कि आपके घर में गैस खत्म हो गई है तो क्या करेंगे। ऐसी स्थिति के लिए हमारे पास एक जुगाड़ है। जी हां, आप चाय बनाने के लिए घर में रखी कपड़ा स्त्री यानी प्रेस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
भई कुछ भी हो, मुझे यह जुगाड़ पर्सनली बहुत ज्यादा पसंद आया। इससे आप पानी की बचत भी कर सकते हैं और पानी का सही इस्तेमाल भी। इस तस्वीर में आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि वाशरूम में लगा वॉशबेसिन इस तरह फिट किया गया है कि उसका पानी सीधे टॉयलेट फ्लश में गिरता है जहां से उसे टॉयलेट शीट साफ करने के लिए बाद में इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
ऐसा सिर्फ लैजेंड्स ही कर सकते हैं। आप जुगाड़ के जरिए वेस्ट मटीरियल को इस्तेमाल में ले सकते हैं। इस तस्वीर में एक बॉटल से हॉल्डर बनाया गया है। ऐसे तमाम जुगाड़ तैयार किए जा सकते हैं जो वेस्ट इक्ठ्ठा होने से बचा सकते हैं।
इसे कहते हैं मच्छर मार जुगाड़। अब आप यह सोच रहे होंगे ना इससे भला मच्छर कैसे मरेंगे। हमें लगता है कि इन जनाब ने यह सोचा होगा कि मच्छरों को शराब पिला देते हैं, क्या पता वह शराब पीने से मर जाएं।