रेलवे सूत्रों के अनुसार इन कंपनियों में बॉम्बार्डियर, हवाई अड्डा कंपनी जीएमआर, स्पेन की सीएएफ, भारतीय रेल की कंपनी राइट्स और सार्वजनिक उपक्रम भेल भी शामिल हैं। प्राइवेट ट्रेनों में नई तकनीक के साथ ही कई सारी सुविधाएं मिलेगी। रेलवे की प्राथमिकता है कि यात्रियों को वर्ल्ड क्लास सर्विस उपलब्ध कराई जाए। इससे भारतीय रेल के राजस्व में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
क्या-क्या होगी सुविधाएं
प्राइवेट ट्रेनों में यात्रियों को कई बेहतरीन सुविधाएं मिलेगी। प्राइवेट ट्रेनों में एयरलाइंस की तरह यात्रियों को पसंदीदा सीट, सामान और यात्रा की सुविधाएं दी जाएंगी। सबसे अच्छी बात है कि 70 फीसदी प्राइवेट ट्रेनों का निर्माण भारत में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत होगा। प्राइवेट ट्रेनों के शुरु करने के लिए शुरुआत में करीब 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यात्री सफर का पूरा आनंद ले सकेंगे। साथ ही सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। प्राइवेट ट्रेन चलाने की इच्छुक कंपनियां अपनी पसंद से ट्रेन खरीद सकेंगी या लीज पर ले सकेंगी।
किन मार्गों पर चलेंगी ट्रेन
रेल मंत्रालय ने प्राइवेट ट्रेन कंपनियों आवेदन मांगे हैं। इसमें दिल्ली से पटना, दिल्ली से बरौनी, दिल्ली से भागलपुर, दिल्ली से कटिहार, दिल्ली से लखनऊ, दिल्ली से हावड़ा, दिल्ली मुंबई, दिल्ली से चेन्नई आदि मार्गों का चयन किया है।
2023 से संचालन की उम्मीद
भारतीय रेलवे की ओर से अप्रैल 2023 से प्राइवेट ट्रेनों को शुरू करने की उम्मीद है। रेलवे ने 2027 तक देशभर में 151 प्राइवेट ट्रेनें चलाने का लक्ष्य है। रेलवे का 2022-23 में 12 प्राइवेट ट्रेनें, 2023-24 में 45 ट्रेनें, 2025-26 में 50 ट्रेनें, 2026-27 में 44 ट्रेनें चलाने का लक्ष्य है।