हालांकि अभी चीन में इस वायरस का यह पहला ही केस है। लेकिन इस बीच बड़ा सवाल यह है कि यह हंता वायरस ( Hantavirus ) भारत के लिए कितना खतरनाक है?
आपको बता दें कि चीन में जो व्यक्ति हंता वायरस का शिकार हुआ है, काम की तलाश में बस के माध्यम से शाडोंग प्रांत को लौट रहा था। जिसके बाद बस में बैठे अन्य 32 यात्रियों की भी जांच कराई गई है।
आपको बता दें कि भारत में पहले ही हंता वायरस के केस सामने आ चुके हैं। सबसे पहले 2008 में तमिलनाडु के वेल्लोर हंता वायरस का पहला केस पाया गया था।
तब इरुला समुदाय के 28 लोग इस वायरस की चपेट में आ गए थे। यहां गौर करने वाली बात यह है कि हंता वायरस के संक्रमण में आने वाले अधिकांश लोग सांप और चूहे पकड़ने वाले थे।
फिर इसके बाद साल 2016 में मुंबई में हंता वायरस से 12 साल के बच्चे की मौत हुई थी।
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हालांकि हंता वारयस इंसान से इंसानों में नहीं फैलता है। लेकिन चूहों के मल को छूने के बाद मुंह , कान व नाक को टच करने से इसके फैलने के खतरे बढ़ जाते हैं।
यहां राहत देने वाली बात यह है कि सूरज की रोशनी से यह वायरस जल्द ही नष्ट हो जाता है।
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