कई राज्यों की ओर से कोरोना वैक्सीन के स्टॉक में कमी होने की बात कही गई है। ऐसे में अब केंद्र सरकार ने वैक्सीन उत्पादन को कई गुना बढ़ाने को लेकर निर्देश दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल की तीसरी तिमाही (अक्टूबर) के अंत तक भारत को पांच अतिरिक्त वैक्सीन निर्माताओं से टीके मिलेंगे।
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फिलहाल, भारत स्वदेशी वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवैक्सीन का निर्माण कर रहा है। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि “भारत में वर्तमान में दो स्वदेशी कोरोना वैक्सीन (कोविशिल्ड और कोवैक्सीन) का उत्पादन किया जा रहा है और हम 2021 के तीसरी तिमाही (अक्टूबर) तक पांच और टीकों की उम्मीद कर सकते हैं।
इन पांच वैक्सीन को मिल सकती है अनुमति
जानकारी के मुताबिक, जिन पांच वैक्सीन को अक्टूबर तक अनुमति मिल सकती है उनमें रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी, (बायोलॉजिकल ई के सहयोग से बनाई जा रही जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन, सीरम इंडिया के सहयोग से बनाई जा रही नोवावैक्स वैक्सीन, ज़ाइडस कैडिला की वैक्सीन और भारत बायोटेक की इंट्रानैसल वैक्सीन शामिल है।
इन पांचों वैक्सीन में से रूसी वैक्सीन स्पुतिनिक-वी को अगले 10 दिन में EUA आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। देश में किसी भी वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के दौरान सुरक्षा और प्रभावकारिता केंद्र सरकार की प्राथमिक चिंताएं है।
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रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) ने वैक्सीन खुराक के उत्पादन के लिए हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, हेटेरो बायोफार्मा, ग्लैंड फार्मा, स्टेलिस बायोफार्मा और विच्रो बायोटेक जैसे भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियों के साथ करार किया है। मंजूरी मिलने के बाद देश में 850 मिलियन खुराक की उत्पादन क्षमता के साथ स्पुतनिक वी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत महत्वूर्ण योगदान करेगा।
एक सूत्र ने बताया है कि जून तक स्पुतनिक वैक्सीन की खुराक उपलब्ध होने की उम्मीद है। वहीं जॉनसन एंड जॉनसन और ज़ाइडस कैडिला की वैक्सीन अगस्त तक उपलब्ध हो जाएंगे, जबकि नोवेक्स (सीरम) की वैक्सीन सितंबर तक और भारत बायोटेक की इंट्रानैसल वैक्सीन अक्टूबर तक उपलब्ध होगी।