संशोधित जनरल फाइनैंशियल रूल्स के तहत अब सरकारी खरीद ( public procurement ) में चीनी कंपनियां शामिल नहीं हो पाएंगी। हालांकि यह नियम सभी सीमावर्ती देशों पर लागू होगा। जानकारी के मुताबिक भारत की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा ( National Security ) को मजबूत करने के मकसद से केंद्र सरकार ने जनरल फाइनैंशल रूल्स 2017 में संशोधन किया है। इसका सीधा असर चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल ( China, Pakistan, Bangladesh, Bhutan, Nepal ) जैसे देशों पर होगा। खासकर चीनी कंपनियों पर इसका असर सबसे ज्यादा होगा। ऐसा इसलिए कि सरकारी खरीद में चाइनीज कंपनियों ( Chinese companies ) का बोलबाला रहता है।
Quarantine center : मेंटल स्ट्रेस से रिलैक्स के लिए कोरोना मरीज ने बजाई बांसुरी, झूम उठे लोग, देखें Video संशोधित नियम के तहत भारत की सीमा से सटे देशों से बोली लगाने वाली कंपनिंया गुड्स और सर्विस की बोली लगाने के लिए तभी पात्र माने जाएंगे जब वे सक्षम प्राधिकार से पंजीकृत होंगी। कॉम्पीटेंट अथॉरिटी का गठन डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री ऐंड इंटर्नल ट्रेड ( DPIIT ) की तरफ से किया जाएगा। इसके साथ ही विदेश और गृह मंत्रालय से भी मंजूरी जरूरी कर दिया गया है ।
सरकारी खरीद को लेकर जारी केंद्र का नया आदेश सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों, स्वायत्त निकायों, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों ( CPSE ) और सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजनाओं व अन्य एजेंसियों पर लागू होंगी। यानि सरकार या इसके उपक्रमों से वित्तीय सहायता प्राप्त एजेंसियों पर यह लागू होगा।
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई सहित 65 सांसद राज्यसभा की समितियों के सदस्य नियुक्त केंद्र के फैसले के बारे राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को लिखित में आदेश की जानकारी दे दी गई हैं। केंद्र की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि संविधान के आर्टिकल 257 (1) को लागू करने का फैसला किया है। मतलब सरकार का यह आदेश राज्य सरकार और उनके अंडरटेकिंग के प्रोक्योरमेंट पर भी लागू है।