India-China Dispute: चीन पर जवाबी कार्रवाई के लिए सेना को 500 करोड़ का Emergency Fund
आपको बता दें कि भारत और चीन की ओर से तय किए गए प्रोटोकॉल के अनुसार अब तक दोनों देशों के बीच फायरिंग या हथियार का इस्तेमाल करना प्रतिबधित रखा गया था। सूत्रों ने बताया कि अब अगर सैनिकों की वजह से भारतीय जवानों की जान खतरे में पड़ती है तो इस प्रोटोकॉल को नहीं माना जाएगा। सरकारी सूत्रों ने दावा किया है कि अगर सेल्फ डिफेंस में फायरिंग की अंतिम विकल्प हो तो दोनों देशों के बीच हुए प्रोटोकॉल को नहीं माना जाएगा। भारत सरकार ने यह कदम तब उठाया, जब भारतीय जवानों की शहादत के बाद हथियार के इस्तेमाल को लेकर एक नई बहस छिड़ गई थी। कहा गया था कि हथियार पास होने के बाद भी भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना के खिलाफ हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया था।
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गौरतलब है कि गलवान घाटी में हुई झड़प के दौरान चीनी सैनिकों ने लाठी—डंडे, लोहे की कंटीले तारों से लिपटे बेस बॉल डंडे और पत्थरों का इस्तेमाल किया था। इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस क्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यानी रविवार को सीडीएस जनरल बिपिन रावत व तीनों सेना प्रमुखों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में एलएसी के मौजूदा हालातों की जानकारी ली गई। चीनी सैनिकों के खिलाफ भारतीय सेना को फायरिंग के इस्तेमाल की छूट देने का फैसला भी इसी बैठक में लिया गया।