अस्पताल प्रशासन ने की थी मांग इससे पहले
तेलंगाना हाईकोर्ट ने इस एनकाउंटर की सच्चाई का पता लगाने के लिए दिल्ली की विशेष टीम से शवों के पोस्टमार्टम कराने के संकेत दिए थे। बता दें, हैदराबाद के गांधी अस्पताल के वरिष्ठ मेडिकल ऑफिसर ने चिंता जताई थी कि शवों को लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकेगा। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने अदालत से मांग की थी कि वह शवों के संबंध में शीघ्र कोई निर्देश दे।
दोबारा किया जाएगा पोस्टमार्टम अदालत ने इस मामले की सुनवाई की और कहा कि- इस मामले में तथ्यों का पता लगाने के लिए दिल्ली की विशेषज्ञ टीम एक बार फिर शवों का पोस्टमार्टम कर सकती है। अस्पताल प्रशासन से शवों की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी गई थी। रिपोर्ट के बाद अदालत ने ये आदेश दिया है। चारों आरोपियों के शवों का पहला पोस्टमार्टम 6 दिसंबर को महबूबनगर जिले के गांधी अस्पताल में किया गया था।
जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग हाल ही में
सुप्रीम कोर्ट ने एनकांउटर मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है। आयोग में बॉम्बे हाई कोर्ट की रिटायर जज रेखा बलदोटा और सीबीआई के पूर्व निदेशक कार्तिकेयन शामिल हैं। जांच आयोग 6 महीने में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपेगा।
ये थी घटना एनकाउंटर की घटना सुबह साढ़े तीन बजे की है। रिमांड के दौरान पुलिस चारों आरोपियों को घटनास्थल पर ले गई। पुलिस पूरे घटना को आरोपियों की नजर से समझना चाह रही थी। पुलिस के अनुसार- इसी दौरान इन चारों ने उन पर हमला बोल दिया। ऐसे में पुलिस के पास गोली चलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। बाद में चारों की लाश को सरकारी अस्पताल भेज दिया गया। आरोपियों के परिजनों ने उनके शव लेने से भी इनकार कर दिया था।