इस बीच एक बार फिर से केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर को लेकर देशवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि आने वाले 100-125 दिन काफी अहम रहने वाले हैं। ऐसे में जरूरी है कि खुद सतर्क रहें और दूसरों को भी कोविड नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करें।
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बता दें कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सितंबर के आखिर और अक्टूबर की शुरुआत में कोविड की तीसरी लहर आ सकती है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि कोविड की तीसरी लहर दूसरी व पहली के मुकाबले कमजोर होगा। फिर भी हमें इससे बचाव के लिए सावधानी बरतनी है और कोविड के लिए जारी सभी दिशा-निर्देशों का सख्ती के साथ पालन करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शुक्रवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करते हुए लोगों को कोरोना-संबंधी नियमों का पालन करने का आग्रह किया। केंद्र सरकार ने कहा कि देश में कोरोना के नए मामले कम होने की दर में गिरावट आई है, लिहाजा, इसे संभावित तीसरी लहर की चेतावनी की तौर पर देखा जा सकता है और इसके लिए जरूरी एहतियात बरतना जरूरी है।
100-125 दिन काफी अहम
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने शुक्रवार को कहा कि कोरोनी की संभावित तीसरी लहर की बात इसलिए भी हो रही है क्योंकि अभी तक हर्ड इम्युनिटी पर हम नहीं पहुंचे हैं। यानी कि अभी तक 60-70 फीसदी आबादी को हम टीका नहीं लगा पाए हैं। इसलिए एक बड़ी आबादी पर संक्रमण का खतरा बरकरार है।
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हम संक्रमण के रास्ते हर्ड इम्युनिटी तक नहीं पहुंचना चाहते हैं। अभी नए मामले कम होने की रफ्तार भी धीमी हो गई है। ऐसे में तीसरी लहर की संभावना अधिक दिखाई पड़ रही है। इसलिए जरूरी है कि कोविड-संबंधी व्यवहार को गंभीरता से लिए जाए ताकि हालात अधिक खराब न हो। उन्होंने कहा कि अगले 100-125 दिन यानी तीन चार महीने बेहद अहम हैं, इसलिए सबको सतर्क रहना होगा और जिम्मेदारी निभानी होगी।
डॉ. वीके पॉल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण किया है और बताया है कि दुनिया तीसरी लहर की ओर बढ़ रही है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ की चेतावनी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। पॉल ने डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि स्पेन में 64 फीसदी केस एक हफ्ते में बढ़े हैं, जबकि नीदरलैंड्स में 300 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।