सीआईआई की ओर से की गई थी मांग
इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने सुझाव दिया था कि हमें वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए करीब 3000 करोड़ रुपए की जरूरत है। उद्योग निकाय फिक्की ने भी हाल ही में सुझाव दिया था कि सरकार को देश में कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए वैक्सीन प्रोड्यूसर को प्रोत्साहन प्रदान करना चाहिए।
अब 18 वर्ष की गई वैक्सीन लगवाने की न्यूतम आयु
इसने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) प्रकार की योजना के तहत वैक्सीन बनाने वालों के वित्त पोषण की सिफारिश की थी। यह वित्तीय सहायता ऐसे समय पर सामने आई है, जब सरकार ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के लिए एक मई से कोरोना टीकाकरण शुरू करने का निर्णय लिया है। इससे देश में करोड़ों लोग वैक्सीन लगवाने के लिए एलिजिबल हो गए हैं। जिसके तहत करोड़ों डोज की जरुरत होगी। जिसके लिए सरकार की ओर से दोनों कंपनियों को रुपया देने की घोषणा की गई है।
वैक्सीन का होने लगा था टोटा
कुछ दिन पहले खबर आई थी कि देश में वैक्सीन का टोटा हो रहा है। कई राज्यों में कुछ ही दिनों की वैक्सीन बची हुई है। दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान जैसे राज्यों की ओर से और वैक्सीन की मांग की गई थी। खुद दिल्ली के सीएम अरविंद कजरीवाल की ओर कहा गया था कि उनके पास सिर्फ 5 दिन की वैक्सीन बची हुई है।