कानून से 3 बड़े फायदे
– फेसबुक को लोकल कंटेंट दिखाने पर भुगतान करना होगा
– गूगल को भी शोकेस प्रोडक्ट न्यूज दिखाने के पैसे देने होंगे
– नए कानून से रेगुलेटर से विवाद सुलझाने में मदद मिलेगी
विवाद की यह है वजह
रेग्युलेटर्स ने फेसबुक व गूगल टेक कपंनियों पर आरोप लगाया था कि ये ऑनलाइन विज्ञापनों से काफी कमाई करती हैं, लेकिन न्यूज कंटेंट मुफ्त में लेती हैं। न्यूज ऑर्गनाइजेशन्स ने इसका विरोध किया था और इसके लिए कैश भुगतान की मांग की थी। ऑस्ट्रेलियाई सरकार हाल ही में बिल लेकर आयी जिसका फेसबुक, गूगल ने जमकर विरोध किया था।
फेसबुक की हरकत
– ऑस्ट्रेलिया में समाचार लेख आदि साझा करने पर रोक लगा दी थी
– सभी सरकारी पेज, घोषणाएं, कोविड-19 पर अलर्ट तक ब्लॉक किए
– फेसबुक को पूरी दुनिया में काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा
समाचार एजेंसियों से कमाई
रेगुलेटर का आरोप था कि कुछ टेक कंपनियां ऑनलाइन विज्ञापन में हावी हो रही हैं। मुफ्त समाचार सामग्री का इस्तेमाल कर न्यूज एजेंसियों से पैसे वसूलने की कोशिश करती हैं।
…फेसबुक के बदले बोल
ऑस्ट्रेलियन पीएम स्कॉट मॉरिसन की सख्ती के बाद फेसबुक बैकफुट पर आ गया। फेसबुक ने बैन हटाते हुए कहा कि सरकार के साथ हैं। हम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म व पब्लिशर्स के बीच इनोवेशन व सहयोग के लिए तैयार हैं।
पहले कहा…सामग्री भुगतान लायक नहीं
फेसबुक ने पहले कहा था कि फेसबुक समाचार सामग्री पर बहुत कम निर्भर है। इसका भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है जबकि वह इस लायक नहीं है।
जनहित में पत्रकारिता में मदद मिलेगी
सरकार इस बात से खुश है कि गूगल व फेसबुक ऑस्ट्रेलियाई न्यूज मीडिया कंपनियों से व्यावसायिक साझेदारी कर रहे हैं। इससे देश में देश में जनहित में पत्रकारिता करने में मदद मिलेगी।
-पॉल फेचर, कम्युनिकेशन्स मिनिस्टर ऑस्ट्रेलिया