यहां संतरामपुर के प्रतापपुरा इलाके में घोड़ों में ग्लेंडर वायरस ( Glender virus ) पाया गया है। ग्लेंडर वायरस इतना खतरनाक है कि यह केवल हवा में फैलता है।
यही नहीं इस वायरस को जानवरों से इंसान में फैलने में भी समय नहीं लगता। जानकारी के अनुसार जानवर के नजदीक जाते ही यह वायरस इंसानों को अपनी चपेट में ले लेता है।
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ऐसे हुआ खुलासा
दरअसल, प्रतापपुरा इलाके में एक घोड़े के अचानक बीमार पड़ने पर उसको हॉस्पिटल ले जाया गया। हॉस्पिटल में जब घोड़े की जांच की गई तो उसमे ग्लेंडर नाम का यह वायरस पाया गया।
हालांकि आनन-फानन में घोड़े का इलाज शुरू किया गया, लेकिन उसको बचाया ना जा सका। ग्लेंडर वायरस की पुष्टि होने पर जब घोड़े के साथ वाले अन्य घोड़ों की भी जांच की गई तो वह भी संक्रमित पाए गए।
जिसके बाद प्रशासन और वन विभाग अलर्ट मोड़ पर गया और ग्लेंडर से संक्रमित घोड़ों को जहरीला इंजेक्शन देकर मार दिया गया।
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कोरोना के साथ-साथ ग्लेंडर वायरस ने गुजरात के इस इलाके में हड़कंप मच गया, जिसके बाद पशुपालन विभाग ने आस-पास के सभी पालतू जानवरों की जांच शुरू की है।
ताकि इसके प्रकोप को फैलने से किसी तरह रोका जाए। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग संक्रमित घोड़ों के संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच की जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस हवा के माध्यम से इंसानों में फैलता है।
घोड़ा मालिक अब्दुल सत्तार पठान की मानें तो उसका एक घोड़ा पिछले कुछ समय से बीमार चल रहा था। हॉस्पिटल में जिसको ग्लेंडर वायरस होना पाया गया।
जिसके बाद पशुपालन विभाग ने संतरामपुर और उससे सटे आसपास के इलाकों में घोड़ों, खच्चरों और गधों समेत 176 जानवरों की जांच की गई।