महात्मा गांधी ने अपने जीवन में अनुशासन काफी महत्व दिया। समय पर उठने से लेकर रोजमर्रा के कामों तक हर वक्त अनुशासन बापू की प्रथामिकता थी। इसके साथ ही उन्होंने जीवन में वित्तीय अनुशासन को प्रमुखता से जगह दी। कल के लिए बचत करना सिखाया। उस बचत को सही जगह और सही मिश्रण के साथ निवेश भी करना भी बताया।
गांधीजी के जीवन से सीखने वाली बातों में धैर्य यानी संयम बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आजीवन संयम के साथ आगे बढ़ते रहना सिखाया। गांधीजी कहते थे काम जो भी संयम के साथ किया जाए तो परिणाम अनुकूल ही आता है।
बापू कहा करते थे, अगर वर्तमान में फैसले सही होंगे तो भविष्य भी अच्छा होगा। भविष्य इस बात पर निर्भर है कि आप आज क्या सोचते और करते हैं। लोग अकसर यही फैसले करने में गलतियां कर बैठते हैं।
जीवन में आगे बढ़ने के लिए संचार कौशल बहुत जरूरी है। गांधी जी का संचार कौशल इतना मजबूत था कि अंग्रेज और भारतीय दोनों को अपनी बात समझा सके। हर कोई भावनात्मक, तार्किक और नैतिक आधारों पर उनसे जुड़ सकता था।
गांधी जी के मुताबिक जीवन में सिद्धांत और व्यवहार में समानता या एकरूपता बहुत जरूरी है। उन्होंने सत्य से सिद्धांत और अहिंसा को व्यवहार में लाकर एकरूपता के साथ जिया। परिणाम आजादी के रूप में मिला।
गांधीजी हमेशा कहते थे कि आपके पास जो ज्ञान है उसे जरूर बांटे। इससे ना सिर्फ दूसरों तक पहुंचेगा बल्कि इसमें वृद्धि भी होगी। 7. साहस
बापू ने जीवन में साहस के साथ आगे बढ़ने की सीख दी। अड़चने, रुकावटें और मुश्किलें जितनी भी आईं, साहस के दम पर इनसे पार पाने में सफलता मिली।
बापू मानते थे कि व्यक्ति का चरित्र और उसका आत्मविश्वास मजबूत होना चाहिए। अपनी इन योग्यताओं के दम पर आप लोगों को अपना प्रशंसक बना सकते हैं।
महात्मा गांधी ने नैतिक रणनीति के जरिए ना सिर्फ अंग्रेजों से टक्कर ली बल्कि आजादी के कठिन लक्ष्य को भी हांसिल किया। उनका मानना था कि अगर आप नैतिकता के रास्ते पर चलते हैं तो अंत में जीत जरूरत मिलती है।
गांधीजी के जीवन मूल्यों में पारदर्शिता का अहम स्थान रहा। उनके जीवन में जो कुछ भी था वो सार्वजनिक होने के साथ पारदर्शनी था। बापू मानते थे कि दूसरों आप पर भरोसा तभी करेंगे जब आप पारदर्शी होंगे।