दरअसल भारतीय रेलवे ने कोरोना लॉकडाउन ( Lockdown ) के बीच फंसे हुए मजदूरों और नागरिकों के लिए सबसे पहले रेलवे ने ही सेवा शुरू की। इस बीच भारतीय रेल ने एक नई कामयाबी हासिल की है। भारतीय रेल की ओर से 1 जुलाई को चलाए गए सभी ट्रेन राइट टाइम ( On time ) अपने नियत स्थान यानी गंतव्य तक पहुंचे। ये अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि ( Achievement ) है।
100 फीसदी सफलता दर
भारतीय रेलवे ने कोरोना संकट के बीच लोगों को अपनी मंजिल तक पहुंचाने का काम तो किया है ही साथ ही इस बार रेलवे ने बड़ी उपलब्धि भी हासिल की है। भारतीय रेल ने एक जुलाई बुधवार को कुल 201 ट्रेन चलाईं।
खास बात यह है कि इस दौरान ट्रेन बिलकुल समय से छूटी और एकदम निर्धारित समय ( Scheduled time ) पर डेस्टिनेशन तक पहुंची।
यानी इस बार भारतीय रेलवे ने टाइमिंग के मामले में अपने पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 100 फीसदी सफलता दर हासिल की है। 23 जून को 99.54 फीसदी सफलता
जानकारों की मानें तो भारतीय इतिहास में अब तक रेलवे को ये सफलता नहीं मिली थी। हालांकि 23 जून को भी रेलवे ने अपनी लगभग सभी ट्रेनों को समय पर ही संचालित किया। लेकिन उस दौरान 99.54% गाड़ियां ही समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच पाए थे।
आपको बात दें कि भारतीय रेलवे का समय को लेकर हमेशा ही नाम खराब रहा है। माना जाता था कि भारतीय ट्रेनें कभी समय पर ना तो चल सकती है और अगर चलती हैं तो समय पर पहुंचना बहुत मिश्किल है। ज्यादातर ट्रेनों का लेट होना आम बात रही है।
कई ट्रेनें तो अपने समय के 24 घंटे लेट तक भी चलीं हैं। हालांकि पिछले कुछ सालों ने रेलवे विभाग ने अपने इस लेट-लतीफी को कम करने के लिए खूब मेहनत की है। पिछले कुछ महीनों में रेलवे अपनी टाइमिंग को लेकर भी पाबंद है। ट्रेनों के लेट होने के घंटों में लगातार गिरावट देखी गई है।