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श्रम कानून में बदलाव करने जा रही मोदी सरकार, वित्त मंत्री बोलीं- ‘समय की मांग’

देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मोदी सरकार ने शुरू कर दिए प्रयास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए की आर्थिक पैकेज की घोषणा की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों और मजदूरों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की

May 14, 2020 / 09:59 pm

Mohit sharma

श्रम कानून में बदलाव करने जा रही मोदी सरकार, वित्त मंत्री बोलीं- 'समय की मांग'

श्रम कानून में बदलाव करने जा रही मोदी सरकार, वित्त मंत्री बोलीं- ‘समय की मांग’

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus Impact ) और लॉकडाउन ( Lockdown ) से प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) को पटरी पर लाने के लिए मोदी सरकार ( Modi Goverment ) ने प्रयास शुरू कर दिए हैं।

इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने 20 लाख करोड़ रुपए की आर्थिक पैकेज ( Relief Packeg ) की घोषणा की है।

इस क्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Union Finance Minister Nirmala Sitharaman ) ने गुरुवार को किसानों और मजदूरों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की।

वित्त मंत्री ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के तहत 1.87 लाख पंचायतों में 2.33 करोड़ ग्रामीणों को काम की पेशकश की गई है।

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केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रवासी श्रमिकों को लाभान्वित करने के लिए 1.87 लाख पंचायतों में 2.33 करोड़ ग्रामीणों को मनरेगा के तहत काम प्रदान किया गया है और उन्हें सक्रिय रूप से नामांकित किया जा रहा है। सरकार ने 13 मई (2020) तक मई 2019 की तुलना में 40 से 50 प्रतिशत अधिक 14.62 करोड़ कामकाज का सृजन किया। उन्होंने कहा कि इससे अपने गृह राज्यों में लौट आए प्रवासी मजदूरों को काम पाने में मदद होगी।

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केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) का इस्तेमाल आश्रय स्थापित करने और शहरी गरीबों को भोजन व पानी उपलब्ध कराने के लिए करें और इसमें प्रवासी मजदूरों को भी शामिल करें। वित्त मंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए 11 हजार करोड़ रुपये भेजे गए हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) ने अब तक तीन करोड़ मास्क और 1.20 लाख लीटर सैनिटाइजर्स प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान रोजगार पैदा करने के लिए 7 हजार 200 नए एसएचजी का गठन किया गया है।

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वित्त मंत्री ने कहा कि मजदूरों के हित में सरकार कई कदम उठा रही है। इसके लिए श्रम कानूनों में सुधार का काम करने की प्रक्रिया में तेजी आई है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह निर्धारित न्यूनतम वेतन का लाभ करीब 40 प्रतिशत मजदूरों को ही मिल पाना है। उन्होंने कहा कि श्रम कानून में सुधार से बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा हो सकेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान श्रम कानून में किसी संगठन में लगे 10 से कम मजदूरों को
ESI का लाभ नहीं मिल पाता है। इसलिए अब ऐसा कानून लाया जा रहे, जिससे ईएसआई का लाभ सब को मिल सके।

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