रमजान में संघर्ष विराम के ऐसे रहे नतीजे प्राप्त जानकारी के मुताबिक रमजान के पवित्र महीने में सुरक्षा बलों ने ना तो कोई सर्च ऑपरेशन चलाया और ना ही किसी रिहायशी इलाके को खाली करवाया। हालांकि जंगल के इलाकों में तीन पलटवार जरूर हुए हैं जिनमें आठ आतंकी ढेर हुए। नतीजतन इस दौरान सुरक्षा बलों और स्थानीय नागरिकों के बीच कोई झड़प नहीं हुई है। एक महीने में पत्थरबाजी की घटनाएं 90 फीसदी तक कम हुई हैं।
आतंकियों के लिए यह है प्लान घाटी में अभी भी पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ जारी है और इसी के मद्देनजर सरकार विचार कर रही है कि सेना और सुरक्षा एजेंसियां आतंकी गतिविधियों की खुफिया सूचना के आधार पर पहले की तरह कार्रवाई करें।
सिविल सेवा परीक्षा पास किए बिना भी बन सकेंगे IAS अधिकारी, ऐसे मिलेगा मौका ये हैं स्थानीय लोगों की समस्याएं आतंकियों से निपटने के लिए सैन्य ऑपरेशन के दौरान संबंधित इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई रोकनी पड़ती है ताकि ज्यादा बल प्रयोग से स्थानीय लोगों को नुकसान ना हो। लेकिन इन कदमों से रोजमर्रा की जिंदगी बहुत प्रभावित होती थी। अक्सर पत्थरबाजों और सैन्य बलों में संघर्ष के चलते स्कूल, बाजार आदि बंद हो जाते हैं।