देश की अर्थव्यस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार की 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार चौथे दिन देंगी आर्थिक पैकेज के चौथे चरण की जानकारी
•May 16, 2020 / 05:55 pm•
Mohit sharma
दूसरा क्षेत्र – खनिज
खनिजों के खनन के लिए 500 खनन क्षेत्र उपलब्ध कराए जाएँगे। अब ज्वाइंट नीलामी की जाएगी।
खनिज क्षेत्र को सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। जिन खनन क्षेत्रों का इस्तेमाल नहीं हो रहा उनकी माइनिंग लीज़ ट्रांसफ़र करने की अनुमति दी जाएगी। खनिज क्षेत्र का बड़े पैमाने पर विकास किया जाएगा, क्योंकि देश के पास विशाल खनिज संपदा है।
खनिज क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार किए जाएंगे, बॉक्साइट और एल्मूनियम की ज्वाइंट नीलामी की जाएगी। मिनरल इंडेक्स बनाया जाएगा, स्टैंप ड्यूटी के क्षेत्र में भी सुधार किए जाएंगे।
तीसरा क्षेत्र – रक्षा क्षेत्र —
हमारी सेनाओं को अत्याधुनिक हथियार और उपकरण की ज़रूरत रहती है। हम ऐसे हथियारों और उपकरणों को चिह्नित करेंगे, जिन्हें देश में ही बनाया जा सकता है। उनके आयात पर बैन लगा दिया जाएगा। रक्षा के क्षेत्र में मेक इन इंडिया रक्षा के क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जाएगा।
रक्षा उत्पाद के लिए मेक इन इंडिया पर बल दिया जाएगा। जिन हथियारों का उत्पादन देश में ही किया जाना है, उनकी सूची को हर साल अपडेट किया जाएगा। डिफ़ेंस में निवेश की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दिया जाएगा
एविएशन क्षेत्र
सिविल एविएशन में विकास की अपार संभावनाएँ हैं। 6 और एयरपोर्रट की नीलामी की जाएगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया को 2300 करोड़ रुपए मिलेंगे भारत को एमआरओ हब बनाया जाएगा। भारतीय हवाई जहाज़ रिपेयर के काम के लिए विदेश भेजे जाते हैं, यह काम देश में ही किया जाएगा। सभी एयरलाइन्स का रिपेयर बिल कम होगा। सिविल एविएशन – भारत का केवल 60 प्रतिशत क्षेत्र हवाई जहाज़ों को उपलब्ध है। विमानन क्षेत्र को 100 करोड़ का फ़ायदा होगा। छह और एयरपोर्ट की नीलामी की जाएगी।
बिजली वितरण कंपनियों के लिए वितत मंत्री का बड़ा ऐलान
केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों का निजी करण होगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम किया जाएगा। सामाजिक बुनियादी ढाँचे में निजी क्षेत्र को बढा़वा दिया जाएगा । स्पेस और एटोमिक एनर्जी सोशल इन्फ्रास्ट्क्चर के लिए 8100 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
स्पेस और एटोमिक एनर्जी
सेटेलाइट लॉन्च के लिए निजी क्षेत्र को इसरो के इन्फ्रास्ट्रकचर का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी। जिओ स्पेशल डाटा भारतीयों के लिए – बहुत सी कंपनियाँ इस डेटा को विदेशों से ख़रीदती हैं और देश में काम करती हैं। इसे सुधारा जाएगा। स्पेस क्षेत्र में भारतीय निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा। अंतरिक्ष के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को मिलेंगे बड़े मौक़े। तकनीकी कंपनियाँ और स्टार्ट अप्स को विदेशों से डेटा नहीं ख़रीदने पड़ेंगे।
एटोमिक एनर्जी —-
मेडिकल आइसोटॉप्स के क्षेत्र में निजी कंपनियों को पीपीपी मोड़ में मौक़े दिए जाएंगे। एटोमिक एनर्जी पर सरकार का एकाधिकार है। फ़ूड प्रिजरवेशन के क्षेत्र में रेडिएशन तकनीक को पीपीपी मोड में अनुमति दी जाएगी। एटोमिक एनर्जी से संबंधित रिफोर्म्स — कैंसर और कोरोना के वक्त भारत ने दुनिया भर में दवाएँ भेजी। मेडिकल आइसोटॉप्स के क्षेत्र में पीपीपी मोड में रिसर्च रिएक्टर की स्थापना की जाएगी। दुनिया भर में भारत के युवाओं ने स्टार्ट अप्स के ज़रिए नाम रोशन किया।
दूसरा क्षेत्र – खनिज
खनिजों के खनन के लिए 500 खनन क्षेत्र उपलब्ध कराए जाएँगे। अब ज्वाइंट नीलामी की जाएगी।
खनिज क्षेत्र को सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। जिन खनन क्षेत्रों का इस्तेमाल नहीं हो रहा उनकी माइनिंग लीज़ ट्रांसफ़र करने की अनुमति दी जाएगी। खनिज क्षेत्र का बड़े पैमाने पर विकास किया जाएगा, क्योंकि देश के पास विशाल खनिज संपदा है।
खनिज क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार किए जाएंगे, बॉक्साइट और एल्मूनियम की ज्वाइंट नीलामी की जाएगी। मिनरल इंडेक्स बनाया जाएगा, स्टैंप ड्यूटी के क्षेत्र में भी सुधार किए जाएंगे।
तीसरा क्षेत्र – रक्षा क्षेत्र —
हमारी सेनाओं को अत्याधुनिक हथियार और उपकरण की ज़रूरत रहती है। हम ऐसे हथियारों और उपकरणों को चिह्नित करेंगे, जिन्हें देश में ही बनाया जा सकता है। उनके आयात पर बैन लगा दिया जाएगा। रक्षा के क्षेत्र में मेक इन इंडिया रक्षा के क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जाएगा।
रक्षा उत्पाद के लिए मेक इन इंडिया पर बल दिया जाएगा। जिन हथियारों का उत्पादन देश में ही किया जाना है, उनकी सूची को हर साल अपडेट किया जाएगा। डिफ़ेंस में निवेश की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दिया जाएगा
एविएशन क्षेत्र
सिविल एविएशन में विकास की अपार संभावनाएँ हैं। 6 और एयरपोर्रट की नीलामी की जाएगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया को 2300 करोड़ रुपए मिलेंगे भारत को एमआरओ हब बनाया जाएगा। भारतीय हवाई जहाज़ रिपेयर के काम के लिए विदेश भेजे जाते हैं, यह काम देश में ही किया जाएगा। सभी एयरलाइन्स का रिपेयर बिल कम होगा। सिविल एविएशन – भारत का केवल 60 प्रतिशत क्षेत्र हवाई जहाज़ों को उपलब्ध है। विमानन क्षेत्र को 100 करोड़ का फ़ायदा होगा। छह और एयरपोर्ट की नीलामी की जाएगी।
बिजली वितरण कंपनियों के लिए वितत मंत्री का बड़ा ऐलान
केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों का निजी करण होगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम किया जाएगा। सामाजिक बुनियादी ढाँचे में निजी क्षेत्र को बढा़वा दिया जाएगा । स्पेस और एटोमिक एनर्जी सोशल इन्फ्रास्ट्क्चर के लिए 8100 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
स्पेस और एटोमिक एनर्जी
सेटेलाइट लॉन्च के लिए निजी क्षेत्र को इसरो के इन्फ्रास्ट्रकचर का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी। जिओ स्पेशल डाटा भारतीयों के लिए – बहुत सी कंपनियाँ इस डेटा को विदेशों से ख़रीदती हैं और देश में काम करती हैं। इसे सुधारा जाएगा। स्पेस क्षेत्र में भारतीय निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा। अंतरिक्ष के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को मिलेंगे बड़े मौक़े। तकनीकी कंपनियाँ और स्टार्ट अप्स को विदेशों से डेटा नहीं ख़रीदने पड़ेंगे।
दूसरा क्षेत्र – खनिज
खनिजों के खनन के लिए 500 खनन क्षेत्र उपलब्ध कराए जाएँगे। अब ज्वाइंट नीलामी की जाएगी।
खनिज क्षेत्र को सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। जिन खनन क्षेत्रों का इस्तेमाल नहीं हो रहा उनकी माइनिंग लीज़ ट्रांसफ़र करने की अनुमति दी जाएगी। खनिज क्षेत्र का बड़े पैमाने पर विकास किया जाएगा, क्योंकि देश के पास विशाल खनिज संपदा है।
खनिज क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार किए जाएंगे, बॉक्साइट और एल्मूनियम की ज्वाइंट नीलामी की जाएगी। मिनरल इंडेक्स बनाया जाएगा, स्टैंप ड्यूटी के क्षेत्र में भी सुधार किए जाएंगे।
तीसरा क्षेत्र – रक्षा क्षेत्र —
हमारी सेनाओं को अत्याधुनिक हथियार और उपकरण की ज़रूरत रहती है। हम ऐसे हथियारों और उपकरणों को चिह्नित करेंगे, जिन्हें देश में ही बनाया जा सकता है। उनके आयात पर बैन लगा दिया जाएगा। रक्षा के क्षेत्र में मेक इन इंडिया रक्षा के क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जाएगा।
रक्षा उत्पाद के लिए मेक इन इंडिया पर बल दिया जाएगा। जिन हथियारों का उत्पादन देश में ही किया जाना है, उनकी सूची को हर साल अपडेट किया जाएगा। डिफ़ेंस में निवेश की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दिया जाएगा
एविएशन क्षेत्र
सिविल एविएशन में विकास की अपार संभावनाएँ हैं। 6 और एयरपोर्रट की नीलामी की जाएगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया को 2300 करोड़ रुपए मिलेंगे भारत को एमआरओ हब बनाया जाएगा। भारतीय हवाई जहाज़ रिपेयर के काम के लिए विदेश भेजे जाते हैं, यह काम देश में ही किया जाएगा। सभी एयरलाइन्स का रिपेयर बिल कम होगा। सिविल एविएशन – भारत का केवल 60 प्रतिशत क्षेत्र हवाई जहाज़ों को उपलब्ध है। विमानन क्षेत्र को 100 करोड़ का फ़ायदा होगा। छह और एयरपोर्ट की नीलामी की जाएगी।
दूसरा क्षेत्र – खनिज
खनिजों के खनन के लिए 500 खनन क्षेत्र उपलब्ध कराए जाएँगे। अब ज्वाइंट नीलामी की जाएगी।
खनिज क्षेत्र को सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। जिन खनन क्षेत्रों का इस्तेमाल नहीं हो रहा उनकी माइनिंग लीज़ ट्रांसफ़र करने की अनुमति दी जाएगी। खनिज क्षेत्र का बड़े पैमाने पर विकास किया जाएगा, क्योंकि देश के पास विशाल खनिज संपदा है।
खनिज क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार किए जाएंगे, बॉक्साइट और एल्मूनियम की ज्वाइंट नीलामी की जाएगी। मिनरल इंडेक्स बनाया जाएगा, स्टैंप ड्यूटी के क्षेत्र में भी सुधार किए जाएंगे।
तीसरा क्षेत्र – रक्षा क्षेत्र —
हमारी सेनाओं को अत्याधुनिक हथियार और उपकरण की ज़रूरत रहती है। हम ऐसे हथियारों और उपकरणों को चिह्नित करेंगे, जिन्हें देश में ही बनाया जा सकता है। उनके आयात पर बैन लगा दिया जाएगा। रक्षा के क्षेत्र में मेक इन इंडिया रक्षा के क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जाएगा।
रक्षा उत्पाद के लिए मेक इन इंडिया पर बल दिया जाएगा। जिन हथियारों का उत्पादन देश में ही किया जाना है, उनकी सूची को हर साल अपडेट किया जाएगा। डिफ़ेंस में निवेश की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दिया जाएगा
निवेश करने वालों को ज़मीन को लेकर दिक़्क़त न आए, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।निवेशकों को जल्द से जल्द ज़मीन राज्यों में उपलब्ध कराई जाएगी।
पहला क्षेत्र — कोयला क्षेत्र
व्यावसायिक माइनिंग कोयला क्षेत्र में शुरु की जाएगी। सरकार के एकाधिकार को खत्म किया जा रहा है। इससे इस क्षेत्र में ज्यादा काम होगा और ज्यादा लोगों को रोज़गार मिलेगा। भारत में दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा कोयला है।
फिर भी ऊर्जा क्षेत्र के लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। हालाँकि कोयला वातावरण से लिए अच्छा नहीं माना जाता। प्रदूषण न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। भारत में कोयला क्षेत्रों की नीलामी की जाएगी। 50 हजार करोड़ रुपए सरकार इसके बुनियादी ढाँचे के विकास पर खर्च करेगी।
खनन क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी से फ़ायदा होगा। कोल बेड की खुली नीलामी की जाएगी। कोयला क्षेत्र के लिए ५० हजार करोड़ का फंड दिया जाएगा।।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत की बात कही थी। जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो हम भारत को मज़बूत बनाने की बात करते हैं। बहुत से सेक्टर में नियमों के साधारणीकरण की जरूरत है, उन्हें आसान और ट्रांसपेरेंट बनाने की जरूरत है।
रिफॉर्म करने के मामले में प्रधानमंत्री का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत मजबूत है। प्रधानमंत्री ने देश में बिज़नेस करने, बिजली, कोयले और सिंचाई के क्षेत्र में और करों का सुधारीकरण किया है। आज स्ट्रक्चरल रिफॉर्म की घोषणा की जाएगी। ताकि देश में रोज़गार का सृजन किया जा सके और उत्पादन बढ़ाया जा सके। घोषणा करने से पहले हम उन कदमों की चर्चा करेंगे, जो पहले उठाए जा चुके हैं।
1. पॉलिसी रिफॉर्म – राज्यों की रैंकिंग का काम कर लिया गया है। आत्मनिर्भर भारत के लिए ये कदम बेहद जरूरी हैं। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद पहले ही रख दी गई थी। उद्योगों के लिए बुनियादी ढाँचे में सुधार का लक्ष्य है। आठ सेक्टर के बारे में आज बात की जाएगी कोयला, मिनरल , एयर स्पेस मैनेजमेंट, बिजली वितरण करने वाली कंपनियाँ, एटोमिक एनर्जी, एमएसएमई, कृषि क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं की देश भर में चर्चा हो रही है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रभाव से देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है।
सरकार का दावा है कि आर्थिक पैकेज से देश को हर वर्ग को गति मिलेगी, जिसके बाद अर्थव्यवस्था एक बार फिर पटरी पर लौट आएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर तीन दिन से लगातार आर्थिक पैकेज में शामिल प्रावधानों की जानकारी दे रहे हैं।
इसी कड़ी में निर्मला सीतारमण आज यानी शनिवार को फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आर्थिक पैकेज के चौथे चरण का ऐलान करेंगी।
Hindi News / Miscellenous India / Economic Package: FM निर्मला सीतारमण ने किए 8 बड़े ऐलान, जानें किसको क्या मिला?