ये ड्रोन जम्मू के कालूचक आर्मी कैंप के ऊपर अलसुबह करीब 3 बजे देखे गए हैं। जवानों का कहना है कि यहां ला रोशनी देखी गई, जिसके बात तुरंत जवानों ने फायरिंग शुरू कर दी। कहा गया है कि, एक ड्रोननुमा चीज सैन्य कैंप के ऊपर से गुजरती हुई देखी गई। इसके बाद सेना के जवानों ने लगभग 20 से 25 राउंड फायरिंग की।
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Jammu-Kashmir: आतंकियों के बढ़े हौसले, ड्रोन अटैक के बाद पत्नी समेत पूर्व एसपीओ का मर्डर जम्मू में ड्रोन से आतंकी हमले को लेकर अभी मामला शांत भी नहीं हुआ था कि इस बीच सोमवार अलसुबह तीन बजे के आसपास कालूचक मिलिट्री स्टेशन के ऊपर दोबारा ड्रोन देखे जाने की बात सामने आई है। इन ड्रोन को देखते ही सेना के जवानों ने 20 से 25 राउंड की फायरिंग कर दी।
ड्रोन की तलाश जारी
फायरिंग के बाद ड्रोन गायब हो गए। फिलहाल सेना सर्च ऑपरेशन चलाकर ड्रोन की तलाश कर रही है।
सेना के जवान कैंप के अंदर से लकेर आसपास के इलाकों में उस जगह को तलाशने में जुटे हैं जहां ड्रोन के गिरने की संभावना है। जवानों का मानना है कि ड्रोन को गोली लगी होगी तो वह आस-पास के इलाके में ही होगा।
ड्रोन हमलों से फायदा
दरअसल आतंकियों के लिए ड्रोन हमला करना काफी फायदेमंद है। क्योंकि इसमें खर्च भी कम आता है और रिस्क भी काफी कम होता है। क्योंकि कम ऊंचाई पर उड़ने की वजह से रडार की पकड़ में आने के चांस भी कम रहते हैं।
यही वजह है कि पिछले लंबे समय से पाकिस्तान लगातार सीमा पार से ड्रोन के जरिए साजिश रचने में जुटा है। हालांकि मुस्तैन जवान इसे लगातार विफल भी कर रहे हैं। बता दें कि शनिवार देर रात आतंकियों ने अनमैंड एरियल व्हीकल (यूएवी) यानी ड्रोन की मदद से एयरबेस पर विस्फोटक गिराया था।
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Jammu Kashmir: बडगाम जिले में आतंकियों का CRPF के काफिले पर हमला पाकिस्तानी आतंकवादियों ने महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल किया है। पहला विस्फोट शनिवार देर रात एक बजकर 40 मिनट के आसपास हुआ जबकि दूसरा उसके छह मिनट बाद हुआ।
अफसरों ने बताया कि इस बम विस्फोट में दो वायुसेना कर्मी घायल हो गए। उन्होंने बताया कि पहले धमाके में शहर के बाहरी सतवारी इलाके में भारतीय वायुसेना की ओर से संचालित हवाई अड्डे के उच्च सुरक्षा वाले तकनीकी क्षेत्र में एक मंजिला इमारत की छत को नुकसान हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट छह मिनट बाद जमीन पर हुआ था।