देश के वीवीआईपी के मूवमेंट में आ रही बाधाओं को कम और खत्म करने के मकसद से अब नई संसद से तीन नई सुरंगों को जोड़ा जाएगा। इस सुरंग का रास्ता उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास से नई संसद तक के बीच का होगा।
स्पेसएक्स के सबसे बड़े रॉकेट की हुई सफल लैंडिंग, कुछ देर बाद ही हुआ जोरदार धमाका और फिर… सुरक्षा और सुविधा इन टनल्स के पीछे का कॉन्सेपट है कि अगर वीआईपी मूवमेंट संसद से इतर होंगे, तो बहुत ही कम रुकावटों के साथ वीवीआईपी के मोटरकेड नई संसद के कॉम्पलेक्स के अंदर और बाहर आ जा सकेंगे। ऐसे में सुरक्षा के साथ अब वीवीआईपी को और भी सुविधाएं मिल सकेंगी।
सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट का हिस्सा
सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्लान के मुताबिक नया पीएम हाउस और पीएमओ साउथ ब्लॉक की तरफ और उपराष्ट्रपति का आवास नॉर्थ ब्लॉक की तरफ होगा। सांसदों के चैंबर वहीं आएंगे, जहां फिलहाल ट्रांसपोर्ट और श्रम शक्ति भवन मौजूद हैं।
सिंगल लेन में तैयार होंगी सुरंग
प्रस्तावित सुरंगों को सिंगल लेन में ही तैयार किया जाएगा। क्योंकि इनका इस्तेमाल खासतौर से कुछ ही व्यक्तियों की ओर से किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये छोटे खंड हैं ऐसे में संसद तक पहुंचने के लिए गोल्फ कार्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसलिए राष्ट्रपति भवन से नहीं बनेगी सुरंग
राष्ट्रपति भवन से इस तरह के लिंक की आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि यह कुछ दूरी पर है और राष्ट्रपति की संसद में आमद कम और पूर्व निर्धारित होती है।
आपको बता दें कि सेंट्रल विस्टा के रिडेवलपमेंट का प्राथमिक उद्देश्य संसद परिसर के ऊपर और आसपास के क्षेत्र में सार्वजनिक पहुंच को और आसान बनाना है। दरअसल सेंट्रल विस्टा और लुटियंस बंगला जोन के भीतर कई हिस्सों में सुरक्षा कारणों और वीआईपी मूवमेंट के लिए अक्सर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाती है।
कोरोना वायरस का टीका लगवाना इस दिग्गज नेता को पड़ा भारी, जानिए क्यों मच गया बवाल इससे आम लोगों की आवाजाही पर असर पड़ता है। भविष्य में वीआईपी सार्वजनिक मार्गों का उपयोग सिर्फ गणतंत्र दिवस परेड जैसे आयोजनों के लिए कर सकेंगे।
आपको बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में आगंतुकों और पर्यटकों के संसद तक पहुंच को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है। यही वजह है कि वीआईपी मूवमेंट्स के लिए हाई सिक्योरिटी की जरूरत है जो आम रास्तों से अलग होगी।
ऐसे में सुरंग बनाकर इस उद्देश्य की भी पूर्ति की जा रही है। उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास, मंत्री और सांसदों के लिए चैंबर संसद भवन के करीब ही प्रस्तावित हैं।