रेल रोको आंदोलन के चलते अब पेट्रोल पंप मालिक अब जालंधर और बठिंडा से टैंकरों के जरिए तेल मंगवा रहे हैं। इसमें सप्लाई के लिए कम से कम तीन दिन लग रहे हैं। शहर के कई पेट्रोल पंपों पर गुरुवुार तक का ही स्टॉक बचा है। यानी इसके बाद प्रदेश में तेल का सकंट गहरा सकता है।
पेट्रोल पंप संचालकों को अपने टैंकरों से दूसरे राज्यों से तेल की सप्लाई लेने के लिए बोला गया है। तीनों डिपो से जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए प्रतिदिन 400-450 टैंकरों की सप्लाई होती है।
जम्मू में प्रतिदिन एक पेट्रोल पंप पर 3000 से 5000 लीटर पेट्रोल और 800 से 1100 लीटर डीजल की बिक्री होती है। हर पंप पर प्रतिदिन एक टैंकर की सप्लाई होती थी, जो अब नहीं मिल पा रही है। एक टैंकर से करीब 12000 लीटर तेल की सप्लाई होती है।
पेट्रोल-डील की किल्लत के बीच पेट्रल पंपों पर लोगों की लंबी कतारें लगने लगी हैं। आपात स्थिति के लिए ज्यादा डीजल-पेट्रोल डलवाने की होड़ मची रही। भीड़ बड़ने के बीच पंप मालिकों ने आपूर्ति बंद कर दी है।
तेल की किल्लत को लेकर जल्द कोई हल नहीं निकाला गया तो आने वाले दिनों ने ये संकट और विकराल रूप ले सकता है। नवंबर के महीने में जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में बर्फबारी शुरू हो जाती है। इसके चलते सड़क मार्ग पर आवाजाही अवरुद्ध हो जाती है। ऐसे में इन इलाकों के लिए पहले ही 6 महीने का स्टॉक जमा किया जाता है। लेकिन अब इस स्टॉक को पूरा करने में मुश्किल आ रही है जो आगे और बढ़ सकती है।