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26 नवंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान
आपको बता दें कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 26 नवंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित तीन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इनका डर है कि नए कानूनों से उनकी आजीविका प्रभावित होगी। वहीं, केंद्र सरकार ने बिलों को वापस लेने से साफ इनकार कर दिया है। सरकार ने बिलों को किसानों के हित में बताया है। हालांकि किसानों के अडियल रवैये को देख सरकार ने इन बिलों में संशोधन करने की बात कही है, लेकिन किसान इतने पर राजी नहीं हैं। किसानों की मांग है कि इन कृषि बिलों को पूरी तरह से वापस लिया जाएगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एक कानून बनाया जाए।
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केंद्र और किसानों के बीच में कई दौर की वार्ता
हालांकि इसको लेकिर केंद्र और किसानों के बीच में कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया। अब किसानों ने कहा है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों नहीं माना जाता तो वो दिल्ली के प्रवेश मार्गों को बंद कर देंगे। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि 23 दिसंबर को किसान दिवस है, लेकिन देश का किसान बेहाल है और सड़कों पर उतरा हुआ है। टिकैत ने लोगों से किसान दिवस के दिन लंच न बनाने की अपील की।