नाम में सशोधन को लेकर दायर की गई याचिकाओं पर फैसला देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस एस आर भट्ट और जस्टिस ए के चावला की खंड पीठ ने सीबीएसई के मौजूदा नियमों पर सवाल उठाते हुए कहा कि नाम में गलती हो जाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, इसके लिए सीबीएसई को मौजूदा नियमों में ढ़ील देने की जरुरत है। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रमाणपत्रों के नाम की जरुरत भविष्य में हर सर्टिफिकेट में पड़ती है। अगर इन बेसिक सर्टिफिकेटस में नाम गलत हो जाता है तो आगे किसी अभ्यर्थी को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षा,
रोजगार और यात्रा के लिए जरुरी दस्तावेजों में जब सही और सटीक नाम लिखा होना इतना महत्वपूर्ण है तो फिर सीबीएसई इसके लिए जरुरी कदम क्यों नहीं उठाती है।
इसी से मिलते जुलते एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने सीबीएसई की एक छात्रा के प्रमाणपत्र में नाम बदलने का आदेश दिया। बता दें कि छात्रा के नाम में गलती को सुधारने के लिए आवेदन को सीबीएसई ने यह कह कर रद्द कर दिया था कि उक्त छात्रा से नाम में सुधार करने का आवेदन 4 दिन की देरी से सीबीएसई को मिला था। साथ ही हाईकोर्ट ने छात्रा के माता पिता के नाम में भी गलतियों को सुधारने का आदेश दिया है।