याचिका दायर करते हुए महबूबा मुफ्ती की ओर से नित्या रामकृष्णन ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट के पूर्व आदेशानुसार मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अभी तक ब्रीफ नोट फाइल नहीं किया है। नित्या रामकृष्णन ने कोर्ट से अपील की है कि वह ईडी को नोट फाइल करने के आदेश दें। इस संबंध में कोर्ट ने महबूबा मुफ्ती की वकील से पूछा कि उन्हें ईडी ने 22 मार्च को प्रस्तुत होने के लिए कहा था तब वह उपस्थित क्यों नहीं हुई। इस पर उनकी वकील ने कहा कि अदालत द्वारा अंतरिम सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण वह ऐसा नहीं कर सकी। इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार की ओर से उपस्थित होकर कहा था कि वह अदालत के आदेश को ध्यान में रखते हुए आवश्यक एक्शन लेंगे।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद उन्हें एक वर्ष से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया था। साथ ही उन पर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े तथ्यों को ध्यान रखते हुए उन्हें ईडी प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिस में पेश होने के लिए नोटिस देकर 15 मार्च की तारीख दी गई थी। इसके बाद उन्हें 22 मार्च को बुलाया गया और अब 18 मार्च को उन्हें पूछताछ के लिए फिर से ईडी ऑफिस में बुलाया गया है।