राज्य के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इस टॉवर को बनाने में आईआईटी मुम्बई, एनबीसी और टाटा के साथ-साथ डीपीसीसी मिल कर काम कर रहे हैं। यदि यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो फिर राज्य में इस तरह के कई और टॉवर भी इंस्टॉल किए जाएंगे।
राय ने कहा कि कोरोना की वजह से स्मॉग टावर का निर्माण कार्य स्लो हो गया था परन्तु अब लॉकडाउन में छूट देने के साथ ही इसके काम में भी गति आ गई है। इस टॉवर को 40 गुणा 40 के क्षेत्रफल में बनाया जा रहा है, इसकी ऊंचाई 25 मीटर होगी। यह पूरा प्रोजेक्ट लगभग 20 करोड़ रुपए का होगा। इसमें 40 पंखें लगे हुए हैं जो वायु को शुद्ध कर जमीन से दस मीटर की ऊंचाई पर छोड़ेगा। स्मॉग टॉवर प्रति सेकेंड एक हजार घन मीटर हवा को शुद्ध करेगा। माना जा रहा है कि इसका असर लगभग एक वर्ग किलोमीटर तक रहेगा।
उल्लेखनीय है कि वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए इस तरह के स्मॉग टॉवर अमरीका और यूरोप के कई देशों सहित चीन में भी बड़े पैमाने पर स्थापित किए जा रहे हैं। दिल्ली में निर्मित किया जा रहा स्मॉग टॉवर अमरीकी तकनीक पर आधारित है।