ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर लोगों की बढ़ती भीड़ और वेटिंग लिस्ट को लंबा होता देख दिल्ली सरकार ने ये कदम उठाया है। इसके लिए दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आरटीओ विभाग के अधिकारियों से पेंडेंसीय कम करने और वेटिंग पीरियड निश्चित करने का आदेश दिया है। बताया जाता है कि दिल्ली के जनकपुरी और लोनी आरटीओ ऑफिस में दो महीने से भी ज्यादा की वेटिंग चल रही है। ऐसे में लोगों को डीएल बनवाने में परेशानी न हो इसके लिए परिवहन मंत्री ने अधिकारियों के साथ मीटिंग करके इस बारे में बातचीत की। इस दौरान लाइसेंस के लिए केसों को ऐसे जोन में ट्रांसफर किए जाने पर भी विचार किया गया जहां लाइसेंस के लिए कम आवेदन हैं।
ऑटोमेटेड टेस्ट ट्रैक भी है वेटिंग का कारण
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ आरटीओ अधिकारियों का मानना है कि डीएल बनवाने के लिए वेटिंग लिस्ट लंबी होने का कारण ऑटोमेटेड टेस्ट ट्रैक का होना भी है। उनके मुताबिक बहुत से वाहन चालक ऑटोमेटेड टेस्ट में फेल हो जाते हैं। इनमें कई ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनकी ड्राइविंग अच्छी है इसके बावजूद वे ट्रैक के नियमों को पूरा नही कर पाते हैं। ऐसे में वे लोग दोबारा से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करते हैं। इसी के चलते आरटीओ में लगातार आवेदनकर्ताओं की सूची बढ़ती जा रही है।