दिल्ली सरकार के सभी विभागों और संस्थानों में अब केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का ही इस्तेमाल होगा। लीज हायर के तहत संचालित होने वाले मौजूदा वाहन (पेट्रोल, डीजल और सीएनजी) छह महीने में इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील कर दिए जाएंगे।
पश्चिम बंगाल में आईएसएफ के ऐलान ने बढ़ाई टीएमसी और एआईएमआईएम की चिंता, जानिए क्यों खिले वाम दल और कांग्रेस के चेहरे दिल्ली सरकार के वित्त विभाग की तरफ से इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है। कि आने वाले 6 महीने के अंदर सभी सरकारी विभागों और दरफ्तरों में ई-वाहनों का ही इस्तेमाल किया जाएगा। आपको बात दें कि दिल्ली सरकार के दफ्तरों में करीब 2000 वाहनों का बेड़ा है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सपना दिल्ली को इलेक्ट्रिक वाहन राजधानी बनाना है, जिसे पूरा करने जा रहे हैं। दुनिया का पहला प्रदेश होने का दावा
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का पहला ऐसा प्रदेश होगा, जहां सभी सरकारी विभागों को सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदूषण नियंत्रण में मिलेगी मदद
इस कदम से प्रदूषण को काबू करने में काफी मदद मिलेगी। इतना ही नहीं जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों के मद्देनजर सरकार की ओर से उठाया गया, यह एक बड़ा कदम है।
डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा, स्विच दिल्ली अभियान के तीसरे सप्ताह में वित्त विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए जाने से इलेक्ट्रिक वाहनों को काफी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
पीएसयू ईईएसएल का होगा इस्तेमालई-वाहनों की खरीद, किराया या लीज पर लेने के लिए जेम पोर्टल या केंद्र सरकार के ऊर्जा विभाग के तहत पीएसयू ईईएसएल का उपयोग किया जाएगा।
मॉडलिंग से एक्टिंग और अब पॉलिटिक्स, जानिए कौन है पायल सरकार जिसे बीजेपी ने बंगाल चुनाव से पहले पार्टी में किया शामिल पहली बार वाहनों की खरीद के लिए वित्त विभाग की अनुमति अनिवार्य है। हालांकि मौजूदा अनुबंध के विस्तार के लिए इस अनुमति की जरूरत नहीं होगी। दिल्ली सरकार के सभी विभागों, स्वायत्त संस्थाओं और अनुदान प्राप्त संस्थाओं में संचालित सभी वाहनों के इलेक्ट्रिक होने से दिल्ली के पर्यावरण को बेहतर करने में काफी मदद मिलेगी। इसके लिए परिवहन विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है।