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इमरजेंसी में इलाज करा रहे 100 कोरोना पेशेंट्स
एम्स प्रशासन ने बताया शनिवार को एक घंटे के लिए इमरजेंसी रजिस्ट्रेशन केवल इस वजह से रोकी गई थी, क्योंकि हॉस्पिटल में भर्ती कोविड पेशेंट्स की ऑक्सीजन की बढ़ी हुई जरूरतों को पूरा करने के लिए पाइपलाइनों को व्यवस्थित किया जा रहा था। एम्स की ओर से जानकारी दी गई कि मौजूदा समय में भी लगभग 100 कोरोना पेशेंट्स इमरजेंसी में इलाज करा रहे हैं। मरीजों की यह संख्या एम्स के कई सेंटरों में भर्ती पेशेंट्स से अलग है। प्रशासन ने कहा कि एम्स में मरीजों की एडमिशन प्रक्रिया पूरी तरह से चालू है और इमरजेंसी विभाग पूरी तरह से काम कर रहा है।
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सोशल मीडिया पर भी एम्स की इमरजेंसी बंद होने की खबर
गौरतलब है कि एम्स में अस्थाई रूप से इमरजेंसी बाधित होने के कारण वहां पहुंचे मरीजों को वहां तैनात गार्ड्स ने इमरजेंसी बंद होने की बात कही। यह खबर सुनकर परिजन बुरी तरह से घबरा गए। यहां तक सोशल मीडिया पर भी एम्स की इमरजेंसी बंद होने की खबर वायरल होने लगीं। वहीं, दिल्ली के अस्पतालों में हो रही ऑक्सीजन की कमी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। ऑक्सीजन की कमी पर अदालत ने शनिवार को सुनवाई करते हुए कहा कि अगर केंद्र, राज्य या स्थानीय प्रशासन का कोई अधिकारी ऑक्सीजन की आपूर्ति में अड़चन पैदा कर रहा है तो ‘हम उस व्यक्ति को लटका देंगे।’ दिल्ली हाईकोर्ट में महाराजा अग्रसेन अस्पताल की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ की ओर से यह टिप्पणी की गई। दिल्ली के कई प्राईवेट अस्पतालों ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।