स्पेशल सेल के मुताबिक, 25 नवंबर के आसपास दीप पहली बार सिंघू बॉर्डर आया था। पूछताछ में सिद्धू ने बताया कि 26 जनवरी के बाद मोबाइल फोन डर के चलते फेंक दिया था और लगातार अपने दोस्तों के मोबाइल नंबर से बात कर रहा था।
उत्तराखंड त्रासदी की असली वजह आई सामने, ग्लेशियर नहीं टूटा बल्कि ऐसा कुछ हुआ था उस दिन… 25 नवंबर को दिल्ली पहुंचे सिद्धू का सिंघू बॉर्डर पर अपना एक टेंट था, जिसमें वो रुकता था। पहले दिन ही उसने किसान आंदोलन के पक्ष में स्पीच दी थी।
हालांकि दीप ने सिंघू बॉर्डर के आगे ही एक कमरा भी किराए से लिया हुआ था वहां भी वो अक्सर रुकता था।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की पूछताछ में उसने बताया है कि शुरुआत में तो वो भी किसानों के समर्थन में जन आंदोलन से जुड़ा था पर बाद में उसने किसान नेताओं को समझाने की कोशिश की कि वे चक्काजाम या रैली न करें।
स्पेशल सेल के अधिकारियों ने जब पूछा कि तुम्हारे बनाए वीडियो से लोग भड़क रहे थे तो दीप ने जवाब दिया कि वो तो करना पड़ता है इसलिए क्योंकि मैं भीड़ के साथ था।
दीप ने बताया वो कई दफा लक्खा सिधाना से सिंघु बॉर्डर पर मिला था। 26 जनवरी के बाद दीप ने मोबाइल फोन डर के चलते फेंक दिया था और वह लगातार अपने दोस्तों के मोबाइल नंबर से बात कर रहा था।
उनके ही नंबरों से वीडियो बनाकर, अपना फेसबुक आईडी पासवर्ड विदेशी दोस्तों को देकर वह अपने वीडियो कैलिफोर्निया में बैठी अपनी महिला मित्र से अपलोड करवाता था। पुलिस के मुताबिक लाल किले पर धार्मिक संगठन और किसान संगठन का झंडा फहराया गया। दंगे में यह सबसे आगे सिद्धू था। लाल किले पर 140 पुलिसकर्मियों पर हमला हुआ। उनके सर पर तलवार से चोट आई, लोगों को भड़काने वालो में सिद्धू सबसे अगुवाई कर रहा था।
मिशन गगनयान में अंतरिक्ष यात्री ले जा सकेंगे अपनी पसंद का खाना, दो साल के प्रयोग के बाद तैयार हुईं ये खास डिशेज कोर्ट में पेशी के दौरान हुआ हंगामादीप सिद्धू की पेशी के दौरान कोर्ट के बाहर कुछ हंगामा भी हुआ। समर्थन में आए एक शख्स और वकीलों के बीच तीखी बहस हुई। बाद में पुलिस ने बीचबचाव कर माहौल शांत कराया।
मामले के सह आरोपी किसान नेता सुखदेव सिंह की भी पेशी हुई, पुलिस ने उसकी एक दिन की कस्टडी मांगी इसके बाद कोर्ट ने सुखदेव को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।