सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड्स एसोसिएशन के मुताबिक इस मकसद से भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ( CJI SA Bobde ) द्वारा गठित 7 न्यायाधीशों की एक समिति ( A committee of 7 judges ) ने मंगलवार को एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की। खासतौर से इस बात पर जोर दिया गया कि अब फिजिकल कोर्ट ( Physical Court ) शुरू हो सकती हैं या नहीं।
Covid-19 : भारत में एक दिन में ठीक हुए रिकॉर्ड 56000 Corona मरीज, रिकवरी रेट 70% बता दें कि कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन ( Lockdown ) की वजह से लगभग 5 महीने से कोर्ट में केस की फिजिकल सुनवाई बंद है। 7 जजों की समिति ने कोर्ट सु्प्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड्स एसोसिएशन के नेताओं से मंगलवार को कहा कि कम से कम तीन कोर्ट में ट्रायल बेसिस पर फिजिकल हियरिंग शुरू की जा सकती है।
शीर्ष अदालत की बार एसोसिएशन के सदस्य अगले सप्ताह से फिजिकल कोर्ट शुरू करने को लेकर काफी उत्सुक पहले से है। मगर इस मामले पर अभी अंतिम फैसले का इंतजार है। उम्मीद है कि 7 जजों की समिति एक से दो दिनों में भारत के चीफ जस्टिस को अपनी सिफारिश रिपोर्ट सौंपेंगे। उसके बाद ही आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे और तय हो जाएगा कि फिजिकल हियरिंग कब से होगी।
रूसी कोरोना वैक्सीन की घोषणा पर एम्स के डायरेक्टर डॉ. गुलेरिया बोले – अभी इस बात का करना होगा इंतजार इस मुद्दे पर 7 जजों की समिति और बार एसोसिएशन के नेताओं के बीच मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ( Video Conferencing ) के जरिए मीटिंग हुई। वकीलों का प्रतिनिधित्व SCBA के अध्यक्ष दुष्यंत दवे और SCAORA के अध्यक्ष शिवाजी जाधव ने किया।
बैठक के बाद बुधवार को जारी बयान के मुताबिक SCBA अध्यक्ष दवे ने कहा कि मीटिंग में हमने सुझाव दिया है कि आभासी अदालतों की सुनवाई जारी रखते हुए केवल चार या पांच कोर्ट को फिजिकली फिर से शुरू कर सकते हैं।
SCAORA के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता शिवाजी जाधव ने कहा कि न्यायमूर्ति एनवी रमना की अध्यक्षता वाली समिति अगले सप्ताह से कम से कम दो-तीन फिजिकल कोर्ट को शुरू करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस बीच रजिस्ट्री को कोर्ट को फिजिकली शुरू करने को लेकर आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया है। रजिस्ट्री से कहा गया है कि जज और वकीलों के बीच कांच लगाया जाए और कोर्ट रूम के एंट्री प्वाइंट को सैनिटाइज किया जाए।
आपको बता दें कि 25 मार्च के बाद से ही कोर्ट में फिजिकल सुनवाई बंद है। केवल सीमित मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है।