Coronavirus की दूसरी लहर नजदीक, एक महीने में बढ़ सकते हैं 26 लाख नए केस
देश में कोरोना की दूसरी लहर जल्द, त्योहार में एक माह में 26 लाख मामले ( Coronavirus Cases in India ) बढ़ने की आशंका।
अगर लॉकडाउन नहीं होता तो भारत में कोविड-19 से 25 लाख से ज्यादा मौतें होतीं।
केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट में किए हैं कई हैरानी भरे खुलासे।
Coronavirus next wave near, new cases may increase by 26 lakh in festival season
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत द्वारा किए जा रहे शानदार प्रयासों के बीच एक हैरानी भरी खबर सामने आ रही है। केंद्र सरकार द्वारा गठित एक समिति की ताजा रिपोर्ट से यह बात सामने निकलकर आई है कि भारत में अभी कोरोना वायरस की दूसरी लहर आ सकती है। इसके अलावा त्योहारों का मौसम आने के चलते कोरोना के नए केस अप्रत्याशित रूप से तेजी से बढ़ सकते हैं और एक माह के भीतर 26 लाख नए मामले ( Coronavirus Cases in India ) आ सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का बड़ा खुलासा, देश के कुछ इलाकों में हुआ कोरोना का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन दरअसल, भारत में कोरोना वायरस की गणितीय प्रगति का अध्ययन करने के लिए केंद्र ने नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय समिति नियुक्त की थी। इस समिति ने एक दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को इस बात को स्वीकार भी किया कि देश में सीमित संख्या में राज्यों के कुछ इलाकों में कोरोना वायरस का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन हुआ है।
इस समिति का अध्ययन इस बात पर रोशनी डालता है कि भारत कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई में कहां खड़ा है और आगे क्या होने वाला है। तो आइए जानते हैं कि इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कौन-कौन से ही हैरानी भरी बातें कहीं हैं:
1. अगर सावधानियों का पालन नहीं किया गया तो त्योहारों के मौसम की वजह से भारत में एक महीने में 26 लाख नए मामलों के रूप में अप्रत्याशित तेजी देखी जा सकती है।
3. सर्दियों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आएगी, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है। 4. लोकल लॉकडाउन अब प्रभावी नहीं हैं, लेकिन अगर मार्च-अप्रैल में लॉकडाउन नहीं हुआ होता, तो भारत की कुल मौतें अगस्त में ही 25 लाख से ज्यादा हो सकती थीं। फिलहाल अभी मरने वालों की संख्या 1.14 लाख पर है।
6. भारत सितंबर में कोविड-19 के चरम पर पहुंच गया था और अब नीचे की ओर ढलान पर है। 7. फरवरी 2021 तक यह संकट खत्म होने की संभावना है। उस समय तक 1.05 करोड़ मामले हो सकते हैं।