कोविड-19: ‘जनता कर्फ्यू’ और ‘लॉकडाउन’ के बाद अब भारत ने उठाए ये जरूरी कदम, कोरोना को ऐसे देंगे मात
यह स्थिति कब तक रहेगी इस बात का भी कोई अंदाजा नहीं है। लेकिन कोरोना वायरस ( Coronavirus ) को लेकर इन सब नकारात्मक खबरों के बीच जो कुछ सकारात्मक होता नजर आ रहा है। वो है प्रदूषण ( pollution ) में कमी। दरअसल, कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के कारण भारत समेत कुछ देशों ने लॉकडाउन घोषित कर दिया है, जिससे प्रदूषण के स्तर में कमी देखने को मिली है।
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सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, 2018 और 2019 के मुकाबले 5 मार्च, 2020 से मुंबई और पुणे के वायुमंडल में नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर 45% और अहमदाबाद में 50% या इससे अधिक गिरा है। हालांकि देश की राजधानी दिल्ली में अब तक कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा गया है। दिल्ली में पीएम 2.5 और पीएम 10, दोनों प्रदूषक संतोषजनक श्रेणी में हैं और क्रमश: 52 और 92 पर हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, “हवा की गुणवत्ता जल्द ही ‘अच्छी’ श्रेणी में आने की संभावना है। यह वाहनों के यातायात में कमी और तापमान में वृद्धि के कारण है।”
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घातक वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सरकारों द्वारा देश भर में लागू किए गए लॉकडाउन आदेशों ने सामूहिक रूप से सड़क पर वाहनों की संख्या कम कर दी है। इसके अलावा, कारखाने और औद्योगिक इकाइयां भी कम से कम काम कर रही हैं। जिसका असर वातावरण में साफ नजर आ रहा है।
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विश्व मौसम विज्ञान संगठन के एक हालिया बयान में सामने आया है क कोरोना वायरस स महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों ने आर्थिक गतिविधियों को कम कर दिया है, जिससे वायु गुणवत्ता में स्थानीय सुधार हुआ है। लेकिन ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता के लिए निहितार्थ का आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी। SAFAR के अनुसार, दिल्ली ने समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 92 दर्ज किया है।