कोरोना की दूसरी लहर में पहली बार किसी अस्पताल में तीन दर्जन से भी ज्यादा कर्मचारी कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं। इनमें पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह भी पढ़ेँः
Corona Vaccine: ओडिशा के 700 सेंटर समेत देश के कई इलाकों में नहीं बचा स्टॉक, इतने दिन ही लग पाएंगे टीके दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में एक साथ 37 डॉक्टर कोरोना संक्रमित हुए हैं। इनमें 32 डॉक्टर होम आइसोलेशन हैं, जबकि पांच चिकित्सों की सेहत गंभीर बताई जा रही है। यही वजह है कि इन पांच डॉक्टों को अस्पताल में ही भर्ती किया गया है।
बना सबसे बड़ा हॉट स्पॉट
सर गंगाराम अस्पताल में एक साथ मिले 37 डॉक्टरों को कोरोना पॉजिटिव आने से ये इलाके राजधानी का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बन गया है। अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार को सभी डॉक्टरों की रिपोर्ट आई है। इनमें से एक साथ 37 डॉक्टर संक्रमित पाए गए। वैसे तो ज्यादातर डॉक्टरों को हल्का संक्रमण हुआ है। यही वजह है कि उन्हें एहतियात के तौर पर होम आइसोलेशन के लिए कहा गया है।
इस बीच पांच डॉक्टरों की हालत कुछ गंभीर बताई जा रही है, इन्हें गंगाराम असपातल में ही भर्ती किया गया है।
जिन डॉक्टरों की हालत गंभीर बताई जा रही है उनकी आयु भी 50 वर्ष से अधिक है। इन डॉक्टरों को गंगाराम अस्पताल के ही कोविड वार्ड में भर्ती किया है।
चिंता बढ़ाने वाली जो बात है वो ये कि इन डॉक्टरों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले ली थीं। बावजूद इसके इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि वैक्सीन को लेकर अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग ने कुछ भी कहने से फिलहाल इंकार कर दिया।
यह भी पढ़ेंः Corona का सबसे बड़ा अटैक, एक दिन में 1.31 लाख केस आए सामने, महाराष्ट्र में दिखी डराने वाली तस्वीर एक सप्ताह में एम्स के 50 कर्मी संक्रमितएक तरफ गंगाराम अस्तपाल के 37 डॉक्टर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है तो दूसरी तरफ दिल्ली स्थित एम्स में भी स्थिति चिंताजनक है। यहां पिछले एक सप्ताह में 50 कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
कर्मचारियों के लगातार संक्रमित होने के चलते ऑपरेशन थिएटर को बंद करने का फैसला लिया गया है। सिर्फ इमरजेंसी मामलों में ही सर्जरी की जा रही है। इस अस्पताल में बंद हुईं गैर कोविड गतिविधियां
आपको बता दें कि दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या के चलते राजीव गांधी सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में भी गैर कोविड गतिविधियों को बंद कर दिया गया है। यहां अब सिर्फ कोविड मरीजों का ही इलाज किया जाएगा।