दरअसल, रामपुर ( Rampur ) मिलक क्षेत्र के 9 माह के मासूम ने इलाज के दौरान दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( AIIMS ) में दम तोड़ दिया। इसके बाद उसमें कोरोना की पुष्टि हुई। जब उसके माता-पिता को इसका पता चला तो वो उसे एम्स में ही लावारिस छोड़कर रामपुर लौट गए।
जब एम्स के अधिकारियों ने रामपुर प्रशासन से संपर्क किया तो माता-पिता ने मासूम का शव लेने इनकार करते हुए कहा कि एम्स के लोग ही उसका अंतिम संस्कार कर दें। इस घटना के बाद से एम्स प्रशासन ( AIIMS Administration ) अचंभित है। एम्स के डॉक्टरों को यह समझ नहीं आ रहा है इस तरह लोग अपनों के शव से मुंह फेरते रहते रहे तो इंसानी रिश्तों का क्या होगा।
Exclusive : Dragon’s New Trick – भारत के खिलाफ पश्चिमी सीमा तक पाक फौज के लिए बनाए बंकर एम्स से मिली जानकारी के मुताबिक मिलक क्षेत्र के बच्चे के सिर में जन्म के समय ही गांठ थी। उसका एम्स में इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने ऑपरेशन की बात कही थी। लॉकडाउन ( Lockdown ) की वजह से वे रुटीन चेकअप के लिए दिल्ली नहीं आ पा रहे थे। रामपुर के एक नर्सिंग होम में बच्चे को लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने बच्चे को दिल्ली ले जाने को कहा।
डॉक्टरों के सुझाव पर बच्चे के माता-पिता उसे एम्स ले आए। ऑपरेशन ( Operation ) से पहले जांच में 29 मई को मां-बाप की रिपोर्ट निगेटिव थी। लेकिन बच्चे के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिलने पर उसके माता-पिता उसके शव को एम्स में छोड़कर अपने घर वापस लौट गए। इस पर एम्स प्रशासन ने रामपुर के जिला प्रशासन से संपर्क किया।
जासूसी करते पकड़े गए Pak उच्चायोग के 2 अधिकारी, 24 घंटे के अंदर India छोड़ने का आदेश जिला प्रशासन रामपुर ( District Administration Rampur ) से संकर्प करने पर एम्स प्रशासन को पता लगा कि मां-बाप गांव में थे। उसके पिता ने प्रशासन को लिखकर दे दिया कि एम्स ही बच्चे का अंतिम संस्कार कर दे। इसके बाद एम्स की ओर से बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस बात की पुष्टि रामपुर के जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने की है।