‘India में अभी तक Corona का community transmission नहीं, 10 लाख जनसंख्या पर 15 मौतें’
दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 9 मार्च को 12 साल से छोटे बच्चों को कोरोना वायरस के प्रति जागरुक करने के लिए ‘किड्स, वायु और कोरोना: कौन जीतेगा लड़ाई?’ का फस्र्ट पार्ट जारी किया था। पीजीआईएमईआर में सामुदायिक चिकित्सा और स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के विभाग में प्रोफेसर (पर्यावरण स्वास्थ्य) रवींद्र खाईवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘फर्स्ट पार्ट में कोरोना वायरस के हवा के माध्यम से फैलने की जानकारी दी गई है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि ‘वायु’ ने कोरोना वायरस के हवा के माध्यम से फैलने की थ्योरी काफी पहले ही दे दी थी। जबकि डब्ल्यूएचओ ने इसको अब स्वीकार किया है।
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आपको बता दें कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के हवा के माध्यम से फैलने की बात को स्वीकारा है। पूरी दुनिया के 289 वैज्ञानिकों ने इसको लेकर डब्ल्यूएचओ को पत्र लिखा है। चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में पर्यावरण अध्ययन विभाग के चीफ सुमन मोर का कहना है कि हमारे छींकने व खांसने से कुछ सूक्ष्म कण बाहर निकलते हैं, जो लंबे समय से तक हवा में मौजूद रहते हैं।