दरअसल, अल्मोड़ा के लाट गांव में महिला संगीत का कार्यक्रम हो चुका था और बारात का इंतजार बड़ी जोरशोर से हो रहा था। इस बीच, दुल्हन की कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। थोड़ी ही देर में यह बात पूरे गांव में फैल गई। दुल्हन के कोरोना पॉजिटिव होने का पता लगते ही गांव के लोगों ने दुल्हन के घर से दूरी बना ली। यही नहीं, किसी ने प्रशासन को भी इसकी सूचना दे दी थी। राजस्थान के बीकानेर से आ रही बारात आधे रास्ते में पहुंच चुकी थी।
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बेटी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी पिता हंसी लटवाल ने तय किया कि शादी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत होगी। प्रशासन को सूचना हो चुकी थी और आवेदन दिया गया कि पीपीई किट पहनकर शादी करने की अनुमति दी जाए। प्रशासन भी हामी भर दी और इस तरह दुल्हा-दुल्हन और पंडित जी ने पीपीई किट पहनकर शादी की सभी रस्में पूरी की।
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हालांकि, शादी की रस्में पूरी होने के बाद बारात दुल्हन का लिए बिना वापस लौट गई। प्रशासन ने दुल्हन को आइसोलेशन में भेज दिया। एसडीएम सीमा विश्वकर्मा के मुताबिक, दुल्हन जब ठीक हो जाएगी, तब अपने ससुराल जा सकेगी। गांव के सभी लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने को कहा गया है।
बता दें कि उत्तराखंड में कोरोना के हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। वहीं, राज्य सरकार बिगड़ते हालात को संभालने के लिए सेना को मोर्चे पर लगाने पर विचार कर रही हे। उत्तराखंड सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि अगर हालात नहीं संभले तो व्यवस्थाओं की कमान सेना को सौंपी जा सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। इस संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात भी चल रही है।
बताया जा रहा है कि सेना के गढ़वाल और कुमाऊं रेजीमेंट को मैदान में उतारा जा सकता है। रावत ने कहा, मैंने खुद राज्यपाल बेबी रानी मौर्या और सीएम तीरथ सिंह रावत से बात की है। मुख्यमंत्री इस बारे में राज्यपाल से भी मुलाकात कर सकते हैं।