दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से पीछे हटी हैं। यही नहीं कई महीनों से तैनात किए गए हथियारों को भी वापस ले जाया गया है। लेकिन अब जो खबर सामने आई उसके मुताबिक पैंगोंग से पीछे हटे जवानों को चीन ने एलएसी के पास ही तैनात कर रखा है। जो बताता है कि ये पैंगोंग से सैनिकों को हटाना सिर्फ चीन का चकमा था।
दिल्ली दंगों को लेकर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का विवादित बयान, बोले- दोबारा करूंगा ऐसा काम सामने आई सैटेलाइट की ताजा तस्वीर में दावा किया गया है कि चीन ने पीएलए जवानों को रुटोग काउंटी बेस पर भेज दिया है। इसके बाद हमेशा से धोखाधड़ी करने वाले ड्रैगन की मंशा पर फिर से सवाल खड़े होने लगे हैं।
सिर्फ 100 किमी की दूरी पर चीनी सैनिक
आपको बता दें कि चीन ने अपने सैनिकों को रुटोग के जिस इलाके में तैनात किया है यह बेस पैंगोंग सो इलाके से सिर्फ 100 किलोमीटर और मोल्डो से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
दो वर्षों से चीन यहां बना रहा था जगह
मिली जानकारी के मुताबिक चीन ने अपने सैनिकों को जहां तैनात किया है उस जगह के लिए ड्रैगन साल 2019 से ही काम चल रहा था।
चीन सेना को मिलेगी मदद
यहां पर चीन ने पीएलए को मजबूत करने के इरादे से हाल ही में एक हेलीपोर्ट का भी निर्माण किया है। ओपन इमेजरी सोर्स @detresfa_ ने एक्सक्लूसिव तस्वीर जारी की है।
तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा गया है, ”रुटोग मिलिट्री बेस की ताजा सैटेलाइट इमेज बताती है कि पिछले हफ्ते भारत से सहमति होने पर हटाए गए चीनी जवानों में से कइयों को यहां रिलोकेट किया गया है।
यह बेस भविष्य में पैंगोंग इलाके के लिए चीनी सेना की गतिविधियों के लिए मदद करेगा।”
देश के कई इलाकों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के नए मामलों को लेकर मोदी सरकार ने की नई तैयारी, अब वैक्सीनेशन अभियान में होगा ये काम सब सुविधाओं से लैस है ये बेससेना ने इस बेस पर गतिविधियों को तेज किया है। रडार सिस्टम, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की साइट्स, हेलीपोर्ट्स, टैंक ड्रिल्स आदि की व्यवस्था तक की गई है।
सैटेलाइट की तस्वीर में नए टैंट्स, प्री-फैब हीटेड केबिन्स आदि दिखाई दे रहे हैं। आने वाले समय में पीएलए के जवान इन टैंट्स का इस्तेमाल एलएसी पर पहुंचने के लिए कर सकते हैं। यहां पर कर चुके युद्ध अभ्यास
हाल ही में चीन ने रुटोग काउंटी में सैन्य अभ्यास भी किया था, जिसका वीडियो भी बाद में जारी किया गया। इस अभ्यास में बड़ी संख्या में पीएलए के जवानों ने टैंकों के साथ हिस्सा लिया था और गोला-बारूद का जमकर इस्तेमाल किया।
एक तरफ भारत ड्रैगन के साथ पैंगोंग के अलावा इन्य इलाकों से डिसइंगेजमेंट को लेकर बातचीत में जुटा है, वहीं दूसरी तरफ चीन एक बार फिर चकमा देकर धोखा देने की अपनी पुरानी आदतों को दोहरा रहा है।