नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ( ISRO ) ने अपने सबसे लोकप्रिय मिशन चंद्रयान-2 को लेकर बड़ी कोशिश शुरू कर दी है। इसके तहत लैंडर विक्रम से संपर्क के लिए टीम जुट गई है। दरअसल इसरो समेत सभी स्पेस एजेंसियों को चांद पर रोशनी का इंतजार है। इसी रोशनी की मदद से लैंडर विक्रम को दोबारा खोजने और उठाने की कोशिश की जाएगी।
करीब से ली जाएंगी तस्वीरें खास बात यह है कि नासा की ओर से जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि लैंडर विक्रम वहां मौजूद है। लेकिन इन तस्वीरों को नास के एलओआर ने 150 किमी की दूरी से खींचा है। ऐसे में इस बार रोशनी में जो सबसे पहला काम होगा वो ये कि तस्वीरों के सबसे करीब से लेने की कोशिश की जाएगी। चंद्रयान-2 लैंडर विक्रम को लेकर हुआ बहुत बड़ा खुलास, आ रही है अच्छी खबर
मौजूदा समय में भी इसरो बड़ी कोशिश में जुटा है। इसके तहत इसरो अपने डीप स्पेस नेटवर्क ( DSN ) के साथ भारत के चंद्रमा लैंडर तक सिग्नल भेजने और संचार स्थापित करने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है।
वहीं नासा का स्पेस स्टेशन भी लगातार रेडियो सिग्नल भेज रहा है। हालांकि चांद पर इस वक्त घनी काली रात है और सर्द हवाएं चल रही हैं। यही नहीं इस दौरान भूकंप के झटके भी लैंडर विक्रम को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इसरो बेंगलूरु के पास बयालालू में अपने भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क (IDSN) के जरिए विक्रम के साथ संचार स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। आपको बता दें कि चांद पर उम्मीद रोशनी निकलने के लिए अभी 2 दिन का वक्त बचा है।
5 अक्टूबर से चांद पर सूरज की रोशनी आना शुरू हो जाएगी और 6 अक्टूबर से यहां तमाम स्पेस एजेंसियां तुरंत संपर्क और तस्वीर लेने के लिए जुट जाएंगी।