चंद्रयान-2: लैंडर विक्रम की तस्वीर हुई साफ, करीब आ रहा है अंधेरा, चल रही है ठंडी हवाएं
Chandrayaan 2 लैंडर विक्रम के लिए बढ़ रही है मुश्किल
चांद पर हो रही काली रात में बढ़ जाएगी जबरदस्त ठंड
लैंडर विक्रम के लिए मुश्किल होगा ठंड में बचे रहना
नई दिल्ली। लैंडर विक्रम से संपर्क में जुटी दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी नासा को भी बड़ा झटका लगा है। जिस उम्मीद के साथ नासा ने अपने ऑर्बिटर को भेजा था उससे उतना फायदा नहीं मिला है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अब काली अंधेरी रात होने वाली है। इसके साथ ही ISRO का विक्रम लैंडर से संपर्क करने का सपना भी धुमिल होता जा रहा है।
इस बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल लैंडर विक्रम की जिन तस्वीरों का इंतजार था वो ही तस्वीर सामने आई है। ये तस्वीर ना तो इसरो की ओर से आई है और ना ही नासा बल्कि इसके पीछे कोई और ही देश है। खास बात यह है कि इन तस्वीरों में लैंडर विक्रम की स्थिति साफ हो गई है।
ये तस्वीर एंड्र्यू जॉनस ने अपनी ट्वीट पर शेयर की है। तस्वीर को ध्यान से देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि चांद के दक्षिणी ध्रुप पर आखिर किस जगह लैंडर विक्रम की लैंडिंग हुई है।
हालांकि इस तस्वीर के जरिये उसकी लोकेशन तो दिख रही है, लेकिन उसकी कंडिशन क्या है उसको लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। आपको बता दें कि सिर्फ तीन घंटे बाद विक्रम लैंडर उस अंधेरे में खो जाएगा, जहां से उससे संपर्क करना तो दूर, उसकी तस्वीर भी नहीं ली जा सकेगी।
ISRO के साथ-साथ अंतरिक्ष एजेंसी नासा समेत दुनिया की कोई भी स्पेस एजेंसी विक्रम लैंडर की तस्वीर तक नहीं ले पाएगी। क्योंकि लैंडर विक्रम की बैटरी डिस्चार्ज हो चुकी होगी। सलामत रहना भी मुश्किल आपको बता दें कि चांद पर भी 14 दिन की तरह रात भी 14 दिन की अवधि की होती है। ऐसे में चांद की भयानक काली रात में लैंडर विक्रम का बच पाना काफी मुश्किल माना जा रहा है।
चांद पर तापमान घटकर माइनस 183 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इस तापमान में विक्रम लैंडर के इलेक्ट्रॉनिक हिस्से खुद को जीवित नहीं रख पाएंगे। अगर, विक्रम लैंडर में रेडियोआइसोटोप हीटर यूनिट लगा होता तो वह खुद को बचा सकता था, क्योंकि, इस यूनिट के जरिए इसे रेडियोएक्टिविटी और ठंड से बचाया जा सकता था।
इस दिन मिल जाएंगी लैंडर विक्रम की तस्वीरें ISRO 20-21 सितंबर के बाद विक्रम लैंडर से जुड़ी जानकारी और तस्वीरें आम लोगों के लिए जारी कर सकता है। इसरो ने कहा है कि लैंडर विक्रम से जुड़ी सभी जानकारियां 20 से 21 तारीख को साझा करेंगे। आपको बतादें कि 17 सितंबर को इसरो ने ट्वीट कर लिखा है कि हमारे साथ खड़ा होने के लिए आप सभी का धन्यवाद।
ये तीन लैंडर भी ढूंढ रहे विक्रम अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा भी अपने डीप स्पेस नेटवर्क के जरिये लगातार लैंडर विक्रम को खोजने में जुटी है। अमरीका के साथ-साथ दो अन्य सेंटर भी लैंडर विक्रम से संपर्क बनाने में जुटे हैं।
इनमें स्पेन का मैड्रिड, अमरीका का कैलिफोर्निया में गोल्डस्टोन और ऑस्ट्रेलिया का कैनबरा शामिल है। इस तीन जगहों पर लगे ताकतवर एंटीना चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से तो संपर्क साध पा रहे हैं, लेकिन विक्रम लैंडर से अब तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है।
भेजी गई रेडियो फ्रिक्वेंसी से भी कोई जवाब नहीं आया है। जबकि, चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर उसे मिलने वाले संदेशों का जवाब दे रहा है।