ये भी पढ़ेंः Corona Vaccine लगवाने के लिए प्री-रजिस्ट्रेशन कराना है जरूरी, इनमें से कोई डॉक्यूमेंट जरूर होना चाहिए कोरोना वायरस वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की स्वीकृति मिलते ही यह सामूहिक टीकाकरण (मास वैक्सीनेशन) अभियान शुरू कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में कोरोना वायरस वैक्सीन के बड़े पैमाने पर टीकाकरण के पहले चरण के लिए भारत की 30 करोड़ आबादी को चिह्नित किया है।
शुरुआती टीकाकरण में शामिल किए जाने वाले इन लोगों में 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और 27 करोड़ ऐसे आम आदमी शामिल हैं जो विशेषज्ञ समूह द्वारा तय किए गए प्राथमिकता वाले समूहों में आते हैं।
एक्सपर्ट्स की चेतावनीः कोरोना वैक्सीन के दो माह बाद तक ना लगाएं शराब को हाथ सरकार की योजना के अनुसार हर दिन हर सत्र में 100 से 200 लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। टीका लगाने के बाद कोई प्रतिकूल असर तो नहीं हो रहा, यह देखने के लिए 30 मिनट तक संबंधित व्यक्ति की निगरानी की जाएगी। हर टीकाकरण टीम में पांच सदस्य होंगी।
इसके साथ ही टीकाकरण के दौरान दौरान अलग-अलग वैक्सीन ना मिल जाएं, इसलिए जिले में एक ही प्रकार की वैक्सीन या टीका आवंटित करने के लिए कहा गया है। साथ ही बताया गया है, “टीका ले जाने वाली शीशियां या आइस पैक सीधे सूरज की रोशनी में न आएं, इसके लिए जरूरी इंतजाम किए जाएं।”
विशेषज्ञों ने दिया बड़े सवाल का जवाब- क्या कोई Vaccine 100 फीसदी कारगर हो सकती है? इतना ही नहीं, यह भी संभव है कि कोरोना वैक्सीन के लेबल पर एक्सपायरी डेट प्रिंट ना हो, ऐसी स्थिति में उपयोगकर्ता को इसका इस्तेमाल करने से हतोत्साहित करने से मना किया गया है। टीकाकरण के बाद बची हुई वैक्सीन को हर दिन फिर से कोल्ड चेन पॉइंट में तत्काल वापस भेजने के लिए कहा गया है।