इसके तहत आयोग ने पहले की तुलना में अब स्टार कैंपेनर की संख्या कम कर दी है। पहले राष्ट्रीय स्तर पर स्टार प्रचारकों की संख्या 40 होती थी, जिसे घटाकर 30 कर दिया गया है। इसका मकसद स्टार प्रचारकों की रैलियों को कम करना है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की संभावना रहती है।
कोरोना संकट के बीच पीएम मोदी ने किया जन आंदोलन का आगाज, जानें देश को क्या दिया मंत्र कोरोना काल में चुनाव को मद्देनजर रखते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग काफी सख्त और सतर्क है। इस बार चुनाव में राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारों की संख्या पर केंद्रीय चुनाव आयोग का डंडा चला है।
आयोग ने इस बार चुनाव में सिर्फ 30 स्टार प्रचारक को रैली करने की अनुमित दी है। जबकि पहले ये संख्या 40 तक होती थी। यानी अब तक 30 से ज्यादा स्टार प्रचारक रैली, समारोह और संगोष्ठियों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
राज्य स्तर पर भी हुई कटौती
इसके अलावा राज्य स्तर की पार्टियों के लिए पहले जो संख्या अधिकतम 20 की होती थी अब अधिकतम 15 होगी। यही नहीं चुनाव आयोग ने स्टार कंपैनेर की सूची जो पहले नामांकन के साथ ही देनी होती है वो अब 10 दिनों के अंदर देनी होगी।
सूची में कर सकेंगे सुधार
चुनाव आयोग ने इस बीच एक सुविधा भी राजनीतिक दलों को दी है। यानी अब राजनीतिक दल स्टार कैंपेनर की सूची चुनाव आयोग को भेजने के बाद भी इसमें सुधार कर सकेंगे। इसकी जानकारी जिला प्रशासन को चुनाव प्रचार शुरू करने के 48 घंटे यानी दो दिन पहले देना होगी।
रेल रोको आंदोलन ने बढ़ाई बड़ी मुश्किल, अब पेट्रोल और डीजल का गहराया संकट कोरोना नियमों का सख्ती से पालनआपको बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही ये साफ कर दिया था कि इस दौरान सभी दलों को कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पूरी तरह से फॉलो किए जाएंगे। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर का इस्तेमाल, एक बूथ पर अधिकतम वोटरों की संख्या 1000 से ज्यादा ना हो। इसके साथ घर-घर वोट मांगने के दौरान सिर्फ पांच लोग ही जाएं।