साईंबाबा की जन्मभूमि को लेकर बढ़ा विवाद, जानें क्या है पूरा मामला
साईंबाबा (sai baba shirdi) को जन्मभूमि को लेकर गहराता जा रहा है विवाद
पाथरी को साईं की जन्मभूमि से नाराज हुए शिरडी (Shirdi) के लोग
उद्धव ठाकरे (Udhav Thakare) ने पाथरी के विकास के लिए 100 करोड़ का किया ऐलान
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में साई बाबा की जन्मभूमि ( (sai baba shirdi) को लेकर जारी विवाद बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Udhav Thakare) को पाथरी को साईं की जन्मभूमि बताने के बाद शिरडी गांव के लोग काफी नाराजा हैं। उन्होंने रविवार से शिरडी बंद करने का ऐलान किया है। इसके बाद विवाद और बढ़ता जा रहा है।
दरअसल, उद्धव ठाकरे ने पाथरी (Pathri) को साईं बाबा की जन्मभूमि बताया था। साथ ही इसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपए का ऐलान कर दिया है। बता दें कि पाथरी शिरडी से करीब 275 किलोमीटर दूर स्थित है। वहीं, साई के जन्म को लेकर साफ-साफ जानकारी नहीं है। ऐसा कहा जाता है कि साईं शिरडी आकर बस गए थे। जिसके बाद वह यहीं के होकर रह गए। अब शिरडी ही उनकी पहचान हो गई है।
क्यों नाराज हैं शिरडी के लोग शिरडी के लोग मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के उस ऐलान से नाराज हैं जिसमें उन्होंने पाथरी को साईं की जन्मभूमि बताया है। शिरडी के लोगों का कहना है कि उन्हें पाथरी के विकास से कोई नाराजगी नहीं। लेकिन पाथरी को साईं की जन्मभूमि कहना उन्हें रास नहीं आ रहा है। उद्धव के बयान से आहत शिरडी ने बंद बुलाया है।
वहीं, इस मामले पर राजनीति भी तेज हो गई है। बीजेपी सांसद सुजय विखे पाटिल ने कानूनी लड़ाई की बात कही है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि नई सरकार के आने के बाद क्यों ये मुद्दा उठाया जा रहा है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हान ने कहा कि जन्मस्थल पर विवाद की वजह से पाथरी के विकास को नहीं रोकना चाहिए।
पाथरी से क्यों जुड़ा है साईं का नाम ऐसा कहा जाता है कि साईं का जन्म परभणी जिले का पाथरी में हुआ था। वहां उनके होने के सबूत भी मिलते थे। लेकिन वह वहां से शिरडी आ गए थे। तब से वह शिरडी की बस गए । नसीपी नेता दुर्रानी अब्दुल्लाह खान ने दावा करते हुए कहा कि पाथरी में साईं के होने के पूरे सबूत मिलते हैं। पाथरी ही साई का जन्मस्थल है। शिरणी साईंबा की कर्मभूमि है और पाथरी जन्मभूमि। देश और विदेशों से आए लोग पाथरी जाते हैं लेकिन वहां कोई विकास नहीं हुआ। इसलिए पर्यटन की दृष्टि से वहां का विकास होना जरूरी है।