डील में 3 मुस्लिम सहित 9 लोग शामिल
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जमीन खरीद को लेकर कुछ फैक्ट जारी किए है। ट्रस्ट द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में संबंधित जमीन के आसपास की जमीन की वर्तमान कीमतों की भी जानकारी दी गई है। इसके साथ ही सौदे की एक एक जानकारी दी गई है। न्यास इस जमीन को खरीदने के इच्छुक था। इस डील में पिछले 10 साल से करब 9 लोग शामिल है। इनमें से 3 मुस्लिम है। सभी लोगों से बातचीत की गई और उनकी सहमति मिलने के बाद समझौता तय किया। बयान में कहा गया है कि जमीन के अंतिम मालिकों के साथ समझौता पारदर्शी तरीके से किया गया था।
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समझौतों को विस्तार से किया रेखांकित
अपनी रिपोर्ट में ट्रस्ट ने आगे कहा कि उसने पहले ही मंदिरों और आश्रमों सहित 3 से 4 भूखंड खरीदे हैं। प्रत्येक खरीदे गए मंदिर/आश्रम/निजी संपत्ति के बदले पुनर्वास और उनके भवनों के निर्माण के लिए उनकी अपनी पसंद की भूमि का एक हिस्सा और पर्याप्त धन उनको दिया जाना है। भूमि सौदे पर हुए समझौतों को विस्तार से रेखांकित करते हुए ट्रस्ट ने कहा कि 18 मार्च को रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी ने 243, 244 और 246 नंबर के साथ पंजीकृत भूमि को 2 करोड़ रुपये की राशि से खरीदा था, जिसका सर्किल रेट पर वैल्यूएशन 5.80 करोड़ और स्टैम्प पर 5.80 करोड़ रुपये है।
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सौदा का ऑनलाइन लेनदेन
ट्रस्ट ने बयान में कहा गया है कि तिवारी और अंसारी ने उसी दिन इस जमीन को राम जन्मभूमि ट्रस्ट को बेचने का समझौता किया था। इसका प्रतिफल राशि 18.50 करोड़ तय हुआ था। इसमें से 17 करोड़ रुपये ऑनलाइन लेनदेन के माध्यम से अग्रिम तौर पर दे दिया गया था।
कई पार्टियों ने लगाए आरोप
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने आरोप लगाया गया है कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने मंदिर के लिए साढ़े 18 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी है। इस जमीन की कीमत सिर्फ 10 मिनट पहले 2 करोड़ रुपये थी, ऐसे में विपक्षी दलों का आरोप है कि जमीन खरीद में घोटाला हुआ। पार्टियों ने इसे करोड़ों लोगों की आस्था से धोखा करार दिया है, जांच की मांग की है और ट्रस्ट के सदस्यों से इस्तीफा मांगा है। सभी आरोपों को ट्रस्ट ने विपक्षी पार्टियों की साजिश बताया है। मामले के तूल पकड़ने से सरकार और भाजपा सतर्क है।