यह मिसाइल पूरी तरह से मेड इन इंडिया है। यह दुश्मन के टैंकों को पूरी तरह से ध्वस्त करने में भी सक्षम है। हेलिकॉप्टर ध्रुव पर होगा तैनात ओडिशा के बालासोर तट पर 15-16 जुलाई को एंटी टैंक मिसाइल ( Anti-tank missile ) का परीक्षण हुआ। अब इसे सेना को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसका इस्तेमाल भारतीय सेना के ध्रुव हेलिकॉप्टर ( Dhruv Helicopter ) के साथ किया जाएगा। यानी अटैक हेलिकॉप्टर ध्रुव पर इसे तैनात किया जाएगा। ताकि वक्त आने पर दुश्मन को सबक सिखाया जा सके।
BJP MLC की मौत पर तेजस्वी ने सत्ताधारी गठबंधन से पूछा – इस समय बिहार में चुनाव होना चाहिए? फिलहाल ध्रुव का टेस्ट बिना हेलिकॉप्टर के किया गया है। पहले इस मिसाइल का नाम नाग था जिसे अब बदलकर ध्रुवास्त्र ( Dhruvastra ) किया गया है।
मारक क्षमता 4 किलोमीटर स्वदेशी मिसाइल ध्रुव की मारक क्षमता ( Firepower ) 4 किलोमीटर तक है। ये किसी भी टैंक को खत्म कर सकती है। ध्रुव हेलिकॉप्टर भी पूरी तरह से स्वदेशी हेलिकॉप्टर है।
DRDO और सेना के लिए इसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। अब भारतीय सेना को किसी दूसरे देश पर ऐसी मिसाइलों के लिए निर्भरता नहीं रहेगी।
Corona Crisis : SC के जज कोर्ट मास्टर को आदेश देने के बदले खुद टाइप करते हैं Order टैंकरोधी मिसाइल है ध्रुव रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ( DRDO ) की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक ध्रुवास्त्र तीसरी पीढ़ी की ‘दागो और भूल जाओ’ टैंक रोधी मिसाइल ( ATGM ) प्रणाली है। ध्रुव को आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर के लिए तैयार किया गया है।
ध्रुव प्रणाली सभी मौसम में दिन और रात के समय समान रूप से दुश्मन पर वार करने में सक्षम है। पारंपरिक कवच के साथ ही साथ विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच के साथ युद्धक टैंकों को नष्ट कर सकती है।
सीमा पर सेना सतर्क आपको बता दें कि चीन के साथ बॉर्डर पर लगातार तनाव की स्थिति है। चीन की दगाबाजी का इतिहास को देखते हुए शांति वार्ता जारी रहने के बावजूद सेना पूरी तरह से सतर्क है। दूसरी ओर मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए DRDO स्वदेशी मिसाइलें बना रहा है।
इसके अलावा जल्द ही भारत को फ्रांस से रफाल लड़ाकू विमान ( Rafal Fighter Aircraft ) भी मिलने वाला है जिसे अंबाला एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।