दरअसल, अमृतसर शहर के जोड़ा फाटक इलाके में दशहरे के दौरान हुए अमृतसर ट्रेन हादसे में पुलिस ने जो खुलासा किया है वो आपको भी चौंका देगा। दरअसल इस हादसे के बाद लगातार आयोजकों पर अंगुली उठाई जा रही थी, लेकिन पुलिस ने जानकारी दी है उसके मुताबिक आयोजन के लिए एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) उन्हीं की ओर से जारी किया गया था। यानी पुलिस ने आयोजन के लिए अपनी हरी झंडी पहले ही दे दी थी। इसका मतलब यह हुआ इस हादसे की जिम्मेदार पुलिस भी उतनी ही है जितना कि आयोजकों को बताया जा रहा है। पुलिस ने ये तो स्वीकार किया है कि आयोजकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया था लेकिन कहा कि कार्यक्रम के लिये नगर निगम की भी मंजूरी की जरूरत थी।
आयोजकों की थी सुरक्षा की मांग
इस बीच सामने आए एक खत से संकेत मिले हैं कि आयोजकों – स्थानीय कांग्रेस पार्षद के परिवार ने कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा इंतजाम की भी मांग की थी। जहां पंजाब के मंत्री नवजोत सिद्धु और उनकी पूर्व विधायक पत्नी नवजोत कौर सिद्धु के आने की उम्मीद थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने हालांकि शिकायत की कि जोड़ा फाटक के पास पटरियों के साथ लगे मैदान में लोगों की सुरक्षा के लिये इंतजाम पर्याप्त नहीं थे। दरअसल, दशहरा के दिन रावण देखने आए लोग ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे, तभी ट्रेन से कटकर करीब 61 लोगों की मौत हो गई और पचास से अधिक घायल हो गये. हालांकि, इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिये गए हैं।