दिल्ली जल बोर्ड के दो प्यूरीफाइंग प्लांट ने काम करना बंद किया
बता दें कि इसके चलते दिल्ली जल बोर्ड के चंद्रावल व वजीराबाद वाटर प्यूरीफायर प्लांट ने काम करना लगभग बंद कर दिया है। इन प्यूरीफायर प्लांटों से भरी मात्रा में अमोनिया युक्त पानी साफ़ किया जाना करीब-करीब असंभव हो गया है। इसके फलस्वरूप नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, मध्य दिल्ली, उत्तरी दिल्ली के लगभग सभी इलाके तथा दक्षिण दिल्ली के भी कुछ क्षेत्रों में पीने के पानी की आपूर्ति पर असर पड़ रहा है। इन सभी इलाकों में आगे आने वाले कई दिनों तक पिने के पानी की किल्लत होने की आशंका जताई जा रही है।
किसी भी प्लांट में अमोनिया युक्त पानी साफ करने की क्षमता नहीं
मामले में दिल्ली जल बोर्ड ने कहा है कि यमुना नदी के पानी में आये अमोनिया के मात्रा कि अचानक बढ़ोतरी से बोर्ड के चंद्रावल और वजीराबाद प्यूरीफायर प्लांट ने पानी शुद्ध करना बंद कर दिया। दरअसल ये प्लांट पानी में घुले अमोनिया को साफ नहीं कर पा रहे हैं। बात दें कि फिलहाल देश के किसी भी वॉटर प्यूरीफयिंग प्लांट में अमोनिया घुले पानी को साफ करने कि क्षमता नहीं है।इस विषय पर दिल्ली जल बोर्ड ने कड़ा रुख अपनाते हुए हरियाणा के सिंचाई विभाग को भी पत्र लिखा। पत्र में बोर्ड ने कहा कि राजधानी में हुए पानी की समस्या को दूर करने के लिए हरियाणा सिंचाई विभाग पश्चिमी यमुना नहर के माध्यम से जल आपूर्ति करने में मदद करे।बता दें की दिल्ली जल बोर्ड ने नहर को दोनों प्लांटों से जोड़ने के लिए पहले ही पाइपलाइन बिछा रखीं है।
पानी में अमोनिया प्रदूषण से जानलेवा बीमारियों का खतरा
गौरतलब है कि पानी में अमोनिया की मात्रा अधिक होने के बाद उसे पीने से लोगों में कई तरह की बीमारियों का खतरा बना रहता है। ऐसे पानी के सेवन से कैंसर जैसी घातक बीमारियां होने की संभावनाएं बढ़ रही है। इसके अलावा ऐसे पानी के चलते पानी में रहने वाले जीवों और जैव विविधता दोनों पर भी खतरा मंडरा रहा है।
इन इलाकों पर पड़ेगा असर
पानी शुद्ध करने वाले दोनों प्लांट के बंद होने से राजधानी के उत्तरी दिल्ली, उत्तर-पश्चिम दिल्ली, मध्य दिल्ली के चांदनी चौक, जामा मस्जिद , सिविल लाइंस, सुभाष पार्क, मुखर्जी नगर, शक्ति नगर, आदर्श नगर, मॉडल टाउन, जहांगीर पुरी, वजीरपुर औद्यो़गिक क्षेत्र, पंजाबी बाग, गुलाबी बाग, हिंदू राव, झंडेवालान, मोतिया खान, पहाड़ गंज, करोल बाग, ओल्ड राजेंद्र नगर, नया के इलाकों में पीने के पानी की सप्लाई पर असर पड़ा है।