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इस मामले को बीजेपी ठाकरे सरकार पर लगातार निशाना साध रही है। वहीं, सरकार में सहयोगी एनसीपी के नाराज होने की खबरें भी सामने आ रही हैं। इसके साथ ही एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से लंबी चर्चा की है। कयास लगाए जा रहे हैं इस मामले में मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गाज गिर सकती है।
सूत्रों की माने तो सचिन की गिरफ्तारी के बाद हो रही किरकिरी को लेकर महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में मतभेद की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इन्हें खारिज करते हुए कहा है कि सरकार में सब ठीक-ठाक है।
पवार ने यह भी साफ कर दिया है कि मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह सहित अन्य किसी के खिलाफ तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, जब तक कोई सबूत नहीं मिल जाता है।
उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर हुई बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि इस केस से संबंधित सभी लोगों की जांच होगी और महा विकास अघाड़ी सरकार में शामिल सभी पार्टियों ने इसके लिए अपनी रजामंदी दी है।
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पवार ने कहा, ‘ सरकार में सभी दल एकजुट होकर काम कर रहे हैं और किसी तरह का कोई भी मतभेद आपस में नहीं है। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस एक होकर काम कर रहे हैं, हमारे बीच मतभेद नहीं है। सरकार किसी को बचाने की कोशिश करना नहीं चाहती है।’